
इंदौर। पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले सुशील नथानियल की अंतिम यात्रा बुधवार को भारी मन और नम आंखों के बीच हो रही है। वीणा नगर स्थित उनके आवास से शुरू हुई अंतिम यात्रा जूनी इंदौर स्थित कब्रिस्तान के लिए रवाना, जहां उन्हें ईसाई रीति-रिवाजों के अनुसार दफनाया जाएगा। इस दौरान परिजन, रिश्तेदार, सहकर्मी, पड़ोसी और समाज के विभिन्न तबकों के लोग बड़ी संख्या में मौजूद है। सुशील का पार्थिव शरीर पहले नंदा नगर चर्च ले जाया गया, जहां विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई।
पत्नी जेनिफर ताबूत से लिपटकर रोईं
सुशील के घर पर अंतिम यात्रा से पहले श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। उनकी पत्नी जेनिफर नथानियल ताबूत से लिपटकर फूट-फूट कर रो पड़ीं। पिता की हालत बदहवास थी। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति भावुक हो उठा। शोक की इस घड़ी में मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक रमेश मेंदोला समेत कई राजनीतिक और सामाजिक हस्तियां श्रद्धांजलि देने पहुंचीं।
अंतिम यात्रा में सहकर्मियों का आक्रोश
सुशील के सहकर्मियों ने अंतिम यात्रा में शामिल होते हुए सरकार से आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि पुलवामा के बाद यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है, और सरकार को इसका माकूल जवाब देना चाहिए।
चार दिन पहले परिवार संग पहुंचे थे कश्मीर
18 अप्रैल को सुशील नथानियल अपने परिवार के साथ कश्मीर घूमने गए थे। उनके साथ पत्नी जेनिफर, बेटा ऑस्टिन गोल्डी और बेटी आकांक्षा भी थे। 22 अप्रैल को दोपहर 2:45 बजे पहलगाम की बैसारन घाटी में अचानक आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत हो गई, जिसमें सुशील भी शामिल थे। हमले में उनकी बेटी आकांक्षा को भी पैर में गोली लगी।
परिवार में शिक्षक, बैंक अधिकारी और खिलाड़ी
सुशील आलीराजपुर स्थित एलआईसी की सैटेलाइट शाखा में पदस्थ थे। उनकी पत्नी जेनिफर खातीपुरा के सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। बेटी आकांक्षा सूरत में बैंक ऑफ बड़ौदा में फर्स्ट क्लास ऑफिसर है और बेटा ऑस्टिन एक उभरता हुआ बैडमिंटन खिलाड़ी है। मूल रूप से यह परिवार मध्यप्रदेश के जोबट का रहने वाला है।
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