
वेटिकन। विश्व के करोड़ों कैथोलिकों के आध्यात्मिक नेता, पोप फ्रांसिस का बीते दिनों 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें शनिवार को रोम के सांता मारिया मैगियोरे बेसिलिका में एक साधारण कब्र में दफनाया गया। पोप फ्रांसिस ने अपनी अंतिम इच्छा में साधारण समाधि की मांग की थी, जिसे सम्मानपूर्वक पूरा किया गया। उनके अंतिम संस्कार और विदाई समारोह में विश्वभर के नेताओं और लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
बिना लाइव टेलीकास्ट के दफनाए गए पोप
पोप फ्रांसिस के शव को दफनाने से पहले सांता मारिया मैगियोरे बेसिलिका में एक छोटी प्रार्थना सभा आयोजित की गई। इस प्रक्रिया का कोई लाइव टेलीकास्ट नहीं किया गया। सेंट पीटर्स स्क्वायर से करीब 4 किमी दूर स्थित इस ऐतिहासिक चर्च में पोप को उनकी इच्छा के अनुसार जमीन में साधारण कब्र में दफनाया गया। कब्र पर केवल Franciscus (फ्रांसिस का लैटिन रूप) लिखा गया।
तीन घंटे चला अंतिम संस्कार, ढाई लाख लोग हुए शामिल
सेंट पीटर्स स्क्वायर पर पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार की रस्में भारतीय समयानुसार दोपहर 1:30 बजे से शुरू होकर लगभग तीन घंटे तक चलीं। उनका शव पहले सेंट पीटर्स बेसिलिका से निकालकर स्क्वायर में रखा गया, जहां श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई। इस अवसर पर करीब ढाई लाख श्रद्धालु उपस्थित रहे, जिन्होंने पोप को अंतिम विदाई दी।
विश्वभर से पहुंचे 170 देशों के प्रतिनिधि
पोप के अंतिम दर्शन के लिए 170 देशों के प्रतिनिधि पहुंचे। भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सहित अनेक प्रमुख नेता इस समारोह में शामिल हुए।
लिगुरिया के पत्थर से बनी समाधि
पोप की समाधि इटली के लिगुरिया इलाके के पत्थर से बनाई गई है। यह वही क्षेत्र है जहां उनके दादा-दादी रहते थे। इस साधारण समाधि पर केवल उनका नाम Franciscus उकेरा गया है और उनकी गर्दन में पहनने वाला क्रॉस भी समाधि पर लगाया गया है, जो उनकी सादगी और विश्वास का प्रतीक है।
21 अप्रैल को पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की आयु में स्ट्रोक और हार्ट फेलियर के चलते निधन हो गया था। बीते तीन दिन से उनके पार्थिव शरीर को ताबूत में अंतिम दर्शन के लिए सेंट पीटर्स बेसिलिका में रखा गया था, जहां लाखों लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
ट्रंप ने जेलेंस्की से की मुलाकात
पोप के अंतिम संस्कार से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच मुलाकात हुई। जेलेंस्की ने इस मुलाकात को ऐतिहासिक संभावनाओं से भरा बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि उन्होंने ट्रंप के साथ कई मुद्दों पर अकेले में चर्चा की, जिसमें युद्धविराम और स्थायी शांति की दिशा में काम करने पर सहमति बनी।
ट्रांसजेंडर्स को दी गई विशेष भूमिका
वेटिकन न्यूज के अनुसार, पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार समारोह में सेंट पीटर्स बेसिलिका की सीढ़ियों पर ताबूत को अंतिम विदाई देने के लिए चुने गए 40 लोगों में कुछ ट्रांसजेंडर भी शामिल थे। वेटिकन ने बताया कि इन्हें इसलिए चुना गया क्योंकि समाज में उन्हें अंतिम स्थान पर माना जाता है। पोप ने हमेशा चर्च को सभी के लिए खुला घर माना और इसी भावना के तहत इन्हें सम्मान दिया गया।
91 वर्षीय कार्डिनल जियोवानी बतिस्ता रे ने अंतिम प्रार्थना सभा का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि पोप फ्रांसिस ने समलैंगिक और तलाकशुदा कैथोलिकों को कभी चर्च से बाहर नहीं किया। उनके लिए चर्च एक ऐसा घर था, जिसकी दरवाजे हर किसी के लिए खुले थे और जो हर घायल आत्मा को अपनाने और चंगा करने के लिए तैयार था।
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