
इंदौर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए हुए इंदौर निवासी सुशील नथनियाल को गुरुवार को अंतिम विदाई दी गई। उनका पार्थिव शरीर जूनी इंदौर स्थित क्रिश्चियन कब्रिस्तान में दफनाया गया। इससे पहले वीणा नगर स्थित उनके निवास पर शोकसभा आयोजित की गई, जहां बड़ी संख्या में लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे।
परिवार के साथ-साथ पूरा शहर इस दुखद क्षण में भावुक नजर आया। हमले में घायल सुशील की पत्नी भी अंतिम संस्कार में शामिल हुईं। अंतिम विदाई के मौके पर कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट, विधायक रमेश मेंदोला, बीजेपी और कांग्रेस के नगर अध्यक्ष और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
श्रद्धांजलि देने उमड़ा शहर
सुशील का पार्थिव शरीर बुधवार को इंदौर पहुंचा था। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव समेत तमाम नेताओं ने पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। गुरुवार सुबह उनके घर पर अंतिम दर्शन के लिए क्रिश्चियन समाज, एलआईसी के सहकर्मी और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हुए।
इसके बाद पार्थिव शरीर को पाटनीपुरा स्थित चर्च ले जाया गया, जहां विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई। इसके बाद अंतिम यात्रा निकाली गई और शव को जूनी इंदौर क्रिश्चियन कब्रिस्तान ले जाया गया, जहां विधिवत दफनाने की प्रक्रिया पूरी की गई। पादरियों द्वारा प्रार्थना के बाद मंत्री, विधायक और कांग्रेस-भाजपा नेताओं ने कब्र पर मिट्टी डाली और श्रद्धांजलि अर्पित की।
नेताओं की भावुक प्रतिक्रिया
इस दौरान कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मीडिया से बात करते हुए इस हमले को ‘कायराना हरकत’ बताया और कहा कि केंद्र सरकार इस पर सख्त कार्रवाई करेगी और देश शहीदों की शहादत का बदला जरूर लेगा।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, यह घटना पूरे देश को हिलाकर रख देने वाली है। आज जरूरत है कि नफरत खत्म हो। सभी राजनीतिक दल एकजुट हैं, लेकिन केंद्र सरकार को नफरत के खिलाफ भी ठोस कदम उठाने चाहिए। सवाल यही है कि केंद्र सरकार अपना काम कर रही है, लेकिन नफरत खत्म करने के लिए सरकार को प्रयास करना चाहिए। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार से गुजारिश करता हूं कि इस घटना पर कड़ा एक्शन ले।
प्रत्यक्षदर्शी बेटे ने बताई दिल दहला देने वाली घटना
घटना में बाल-बाल बचे सुशील के बेटे एवं प्रत्यक्षदर्शी ऑस्टिन नथनियाल ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि आतंकी हमला बेहद खौफनाक था। हमारे सामने सात लोगों को गोली मारी गई। आतंकियों ने पहले लोगों से कलमा पढ़वाया। जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें वहीं गोली मार दी गई। कुछ को बख्शने से पहले कपड़े उतरवाकर उनके निजी अंगों की जांच की गई। ऑस्टिन ने मांग की कि बैसरन घाटी में सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाई जाए ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।