
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अज्ञात हमलावरों ने लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा से जुड़े खतरनाक आतंकी अबू सैफुल्लाह को गोली मार दी। जानकारी के मुताबिक, यह घटना सिंध के मतली इलाके के फलकारा चौक के पास घटी। अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सैफुल्लाह को कब गोली मारी गई, लेकिन स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने घटना की जांच शुरू कर दी है।
नेपाल में विनोद कुमार बनकर चला रहा था आतंकी मॉड्यूल
अबू सैफुल्लाह का असली नाम रजुल्लाह निजामनी था और वह नेपाल में विनोद कुमार के नाम से एक लंबे समय से सक्रिय था। उसने वहां की एक स्थानीय महिला नगमा बानू से विवाह भी कर लिया था, जिससे उसे वहां की नई पहचान मिली। नेपाल में उसका काम भारत में आतंकी घुसपैठ की योजना बनाना और आर्थिक मदद इकट्ठा करना था।
RSS मुख्यालय पर हमले की साजिश में शामिल था
सैफुल्लाह 2006 में नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले की साजिश में शामिल था। 1 जून 2006 की सुबह, तीन आतंकी भारी हथियारों से लैस होकर एक सफेद कार में सवार होकर RSS मुख्यालय पहुंचे। उनके पास AK-47 राइफलें और ग्रेनेड थे। उन्होंने मुख्यालय में घुसने की कोशिश की, लेकिन वहां तैनात सतर्क सीआरपीएफ जवानों ने तत्काल मुठभेड़ में तीनों आतंकियों को मार गिराया। इस मुठभेड़ में कोई भी सुरक्षा बल या RSS स्वयंसेवक हताहत नहीं हुआ।
कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड था
अबू सैफुल्लाह सिर्फ RSS हमले तक ही सीमित नहीं था, बल्कि वह भारत में कई गंभीर आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा। 2005 में बेंगलुरु के IISc संस्थान पर हुए हमले की योजना में भी वह शामिल था। 2008 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में CRPF कैंप पर हमला, जिसमें कई जवान शहीद हुए थे, उसकी साजिश भी सैफुल्लाह ने रची थी। वह लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशनल कमांडर आज़म चीमा उर्फ बाबाजी का करीबी माना जाता था।
पाकिस्तान में हो रही आतंकियों की रहस्यमयी हत्याएं
सैफुल्लाह से पहले भी लश्कर-ए-तैयबा के कई टॉप आतंकी रहस्यमयी हालात में मारे जा चुके हैं। मार्च 2025 में लश्कर का एक और वांछित आतंकी अबू कताल पंजाब प्रांत में अज्ञात हमलावरों द्वारा मारा गया था। अबू कताल 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का करीबी और जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों का साजिशकर्ता था। उस पर रियासी में तीर्थयात्रियों की बस पर हमले का आरोप भी था जिसमें 10 लोग मारे गए थे।
खुफिया एजेंसियों की नजरें अब नेपाल पर
अबू सैफुल्लाह की नेपाल में मौजूदगी और गतिविधियों ने भारतीय खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। नेपाल, भारत विरोधी आतंकी नेटवर्क का नया सुरक्षित अड्डा बनता जा रहा है, जहां से भारत में आतंकी गतिविधियों की प्लानिंग की जा रही है। अब सैफुल्लाह की मौत से कई राज खुलने की उम्मीद जताई जा रही है।
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