
कोच्चि। केरल के कोच्चि तट से करीब 88 समुद्री मील दूर सिंगापुर के एक कंटेनर शिप एमवी वान हाई 503 में सोमवार सुबह जोरदार विस्फोट के बाद भीषण आग लग गई। विस्फोट और आग लगने की इस घटना के बाद चार क्रू मेंबर लापता हो गए हैं, जबकि पांच घायल बताए जा रहे हैं। इंडियन कोस्ट गार्ड और भारतीय नौसेना ने मिलकर बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
जहाज में मौजूद 22 में से 18 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाला
धमाके के तुरंत बाद जहाज पर सवार 22 में से 18 क्रू मेंबर्स ने लाइफ सेविंग राफ्ट की मदद से खुद को जहाज से बाहर निकाल लिया। लेकिन 4 सदस्य- जिनमें दो ताइवानी, एक इंडोनेशियाई और एक म्यांमार का नागरिक शामिल हैं। अभी भी लापता हैं। सभी घायलों को कोस्ट गार्ड की मदद से सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया गया है।
रेस्क्यू में INS सूरत और INS गरुड़ भी शामिल
इंडियन कोस्ट गार्ड के मुताबिक उन्हें बेपोर से 88 समुद्री मील की दूरी पर मौजूद इस जहाज से “मेडे कॉल” (आपातकालीन संदेश) प्राप्त हुआ था। यह विस्फोट जहाज के एक कंटेनर में हुआ, जिसकी चपेट में आकर आग अन्य कंटेनरों में भी फैल गई। इसके बाद भारतीय नौसेना की पश्चिमी कमान ने तेजी से कार्रवाई करते हुए INS सूरत को घटनास्थल के लिए रवाना किया। इसके अलावा INS गरुड़ से नौसेना का डोर्नियर विमान भी हालात का जायजा लेने के लिए उड़ान भरने को तैयार है।
खतरनाक केमिकल भी थे जहाज में, अग्निकांड से बड़ा खतरा
अज्हीकल पोर्ट ऑफिसर अरुण कुमार ने बताया कि इस सिंगापुर के कंटेनर जहाज में चार तरह के खतरनाक रसायन मौजूद थे—ज्वलनशील तरल, दहनशील पदार्थ और विषाक्त रसायन। ऐसे में आग का फैलना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि केरल मैरीटाइम बोर्ड, पोर्ट डायरेक्टर, और अन्य उच्च अधिकारी कोस्ट गार्ड के लगातार संपर्क में हैं और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
क्या है एमवी वान हाई 503?
यह जहाज 270 मीटर लंबा और 12.5 मीटर ड्राफ्ट वाला विशाल कंटेनर शिप है। यह 7 जून को श्रीलंका के कोलंबो पोर्ट से रवाना हुआ था और 10 जून को मुंबई पहुंचना तय था। पर 9 जून को अचानक हुए धमाके ने यात्रा को संकट में डाल दिया।
नौसेना और कोस्ट गार्ड का बयान
भारतीय नौसेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उन्हें विस्फोट की जानकारी सबसे पहले सुबह करीब 10:30 बजे मुंबई स्थित समुद्री परिचालन केंद्र से मिली थी। उसी समय से समन्वित रेस्क्यू और राहत कार्य की शुरुआत की गई।