ताजा खबरराष्ट्रीय

दोबारा दम तोड़ सकती है कश्मीर की टूरिज्म इंडस्ट्री, पहलगाम आतंकी हमले का कश्मीरियों पर पड़ेगा भारी असर

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मशहूर पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। आतंकवादियों ने इस शांत और खूबसूरत वादियों में 28 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। मारे गए लोगों में ज्यादातर पर्यटक थे, जो अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने आए थे। यह हमला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या कश्मीर में स्थायी शांति संभव है। इसके साथ ही कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र पर भी खतरा मंडरा रहा है।

शांति की उम्मीदों पर फिरा पानी

यह हमला ऐसे समय में हुआ, जब कश्मीर घाटी में हालात सामान्य हो रहे थे और पर्यटन उद्योग फिर से रफ्तार पकड़ रहा था। डल झील पर शिकारे सज चुके थे। पहलगाम, गुलमर्ग और सोनमर्ग में होटल फुल चल रहे थे। एयरपोर्ट और सड़कों पर पर्यटकों की चहल-पहल दिख रही थी। लेकिन इस एक घटना ने सारी रौनक को डर और सन्नाटे में बदल दिया।

टूरिज्म बना था घाटी की आर्थिक रीढ़

2019 में अनुच्छेद 370 हटने और कोविड महामारी के बाद घाटी में पर्यटन उद्योग ने फिर से जोर पकड़ा। 2021 में 1.13 करोड़ पर्यटक, 2022 में 1.88 करोड़, 2023 में 2.11 करोड़ पर्यटकों ने कश्मीर को घूमने के लिए चुना। इसके साथ ही, 2024 में रिकॉर्ड 2.36 करोड़ पर्यटक जम्मू-कश्मीर पहुंचे, जिनमें से 27 लाख अकेले कश्मीर घाटी में घूमने आए। इस तेजी से बढ़ते टूरिज्म सेक्टर ने हजारों कश्मीरियों को रोजगार दिया। होटल, टैक्सी, गाइड, शिकारा, हैंडीक्राफ्ट, होमस्टे आदि हर क्षेत्र में काम के नए अवसर पैदा हो रहे थे।

50,000 लोगों को रोजगार

जम्मू-कश्मीर टूरिज्म पॉलिसी 2020 के अनुसार, पर्यटन घाटी के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में लगभग 7% से अधिक योगदान देता है। 2019-20 में टूरिज्म का योगदान 7.84%, जो 2022-23 में बढ़कर 8.47% हो गया। प्रति वर्ष यह सेक्टर करीब 50,000 नए रोजगार के अवसर पैदा कर रहा है। आने वाले वर्षों में हजारों टूरिज्म सर्विस प्रोवाइडर्स को ट्रेनिंग देने की योजना भी थी।

हर क्षेत्र में हो रहा था विकास

राज्य सरकार ने 2025 तक जम्मू-कश्मीर को भारत का सबसे लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने का लक्ष्य तय किया था। प्रति वर्ष ₹2,000 करोड़ निवेश का लक्ष्य के साथ ही, एडवेंचर टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, हेरिटेज, हॉर्टीकल्चर और सैफरन टूरिज्म जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा मिल रहा था। ट्रेकिंग, स्कीइंग, राफ्टिंग, रॉक क्लाइम्बिंग जैसी गतिविधियों में पर्यटकों की रुचि बढ़ रही थी।

फल मंडी भी थी उफान पर

केवल टूरिज्म ही नहीं, बल्कि कश्मीर की फल मंडियां भी खूब फल-फूल रही थीं। सोपोर मंडी, एशिया की दूसरी सबसे बड़ी फल मंडी मानी जाती है। 2024 में जिसका टर्नओवर 7,000 करोड़ रुपए था।

अब फिर खौफ का साया

यह हमला कश्मीरियों पर दोहरी मार है। एक तरफ 28 बेकसूरों की जान गई, दूसरी तरफ हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है। देशभर के लोग, जो कश्मीर घूमने का मन बना रहे थे, अब अपने फैसले पर दोबारा सोचने लगे हैं। केंद्र और राज्य सरकार ने हमले की निंदा की है और दोषियों को सख्त सजा देने का वादा किया है। सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है, लेकिन जो खौफ लोगों के मन में बैठ गया है, उसे निकालना आसान नहीं होगा।

ये भी पढ़ें- हाफिज सईद का करीबी सैफुल्लाह खालिद पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड, TRF और लश्कर का वरिष्ठ कमांडर

संबंधित खबरें...

Back to top button