टोक्यो। हेल्थ सेक्टर में साइंस ने कई जटिलताओं को सुलझाया है। इसी कड़ी में जापानी स्टार्टअप कंपनी पोर्मेडटेक ने घोषणा की है कि उसने आनुवंशिक रूप से इंजीनियर सुअर की किडनी को बंदर में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया है। यह जापान में पहली बार है और उम्मीद है कि इससे भविष्य में मनुष्यों में पशु किडनी के उपयोग के बारे में जानकारी मिलेगी। कंपनी ने बताया कि रविवार को कागोशिमा यूनिवर्सिटी के हिसाशी सहारा और क्योटो प्रीफेक्चरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के मासायोशी ओकुमी के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने यह प्रक्रिया की।
7 वर्षीय नर बंदर में ट्रांसप्लांट किडनी 2.5 महीने के सुअर से आई थी। सुअर के जीन को इस प्रकार संशोधित किया गया था कि वायरस संक्रमण और इम्यून सिस्टम का खतरा कम किया जा सके। बंदर की हालत अच्छी है। शोधकर्ताओं ने मूत्र निकलने की पुष्टि की, जो इस बात का संकेत था कि बंदर के शरीर में सुअर का अंग ठीक से काम कर रहा था। एक शोधकर्ता ने बताया, हम जेनोट्रांसप्लांटेशन के क्षेत्र में लगातार प्रगति करना चाहते हैं और इसके व्यावहारिक उपयोग के लिए मार्ग प्रशस्त करना चाहते हैं।
नया रास्ता खोलेगा यह ट्रांसप्लांट : इस शोध ने जेनोट्रांसप्लांटेशन के क्षेत्र में नए दरवाजे खोल दिए हैं। आने वाले समय में ये तकनीक इंसानों के शरीर के अंगों की कमी को दूर करने और गंभीर बीमारियों का समाधान ढूंढने में अहम भूमिका निभा सकती है।
भविष्य में पोर्मेडटेक की हैं कई योजनाएं
- मीजी यूनिवर्सिटी से निकली कंपनी पोर्मेडटेक ने फरवरी से अब तक कुल 39 डोनर सुअरों का उत्पादन किया है, जब इसने पहली बार यूएस बायोटेक स्टार्टअप ईजेनेसिस से आयातित कोशिकाओं का उपयोग करके 3 क्लोन पिगलेट बनाने में सफलता प्राप्त की थी।
- फर्म ने आयातित कोशिकाओं के नाभिक को अंडे की कोशिकाओं में डाला, जिससे आनुवंशिक रूप से भ्रूण तैयार हुए। फिर उन्होंने क्लोन पिगलेट बनाने के लिए भ्रूण को सरोगेट मदर सुअरों के गर्भाशय में ट्रांसप्लांट किया।
- स्टार्टअप के पास ऐसे उत्पादित 13 सुअर हैं तथा इनका उपयोग प्राइमेट्स में और अधिक प्रत्यारोपणों में किया जाएगा।
इंसान में लगाया गया था सुअर का दिल
- 20 सितंबर, 2023 को अमेरिकी के यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिकल सेंटर में 58 साल के लॉरेंस फॉसेट को सुअर का दिल लगाया गया था। 30 अक्टूबर को उनकी मौत हो गई।
- 7 जनवरी, 2022 को पहला सुअर के हार्ट को ट्रांसप्लांट मैरीलैंड के डॉक्टरों ने डेविड बेनेट में किया था। 8 मार्च, 2022 को उनकी मृत्यु हो गई थी।
- 1984 में कैलिफोर्निया के डॉक्टरों ने बच्ची में बबून (बंदर) का दिल लगाया था। बच्ची की 21 दिन बाद मौत हो गई।