
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सुरक्षा एजेंसियों को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली है। सोमवार को हीरानगर इलाके के पास एक स्थानीय नागरिक ने तीन संदिग्ध लोगों को जंगल की ओर जाते देखा, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने तुरंत सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। मौके पर सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों की टीमें तैनात कर दी गई हैं।
जंगल और हाईवे पर बढ़ाई गई सतर्कता
संदिग्धों के देखे जाने के बाद इलाके के जंगलों और आसपास के राजमार्गों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। संयुक्त सर्च ऑपरेशन में सेना के साथ स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ भी शामिल हैं। हर आने-जाने वाले वाहन की जांच की जा रही है और इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है।
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षाबल हाई अलर्ट पर
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, उसके बाद से पूरे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबल अलर्ट पर हैं। हर संदिग्ध सूचना को गंभीरता से लिया जा रहा है और तुरंत कार्रवाई की जा रही है। यही वजह है कि कठुआ में भी इतनी तेज़ी से सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया।
किश्तवाड़ और सम्बा में लगातार चल रहा तलाशी अभियान
कठुआ के अलावा किश्तवाड़ और सम्बा जिलों के जंगली इलाकों में भी संदिग्ध आतंकियों की मौजूदगी की सूचना के बाद लगातार छठे दिन सर्च ऑपरेशन जारी है। 27 मई से चल रहे इस अभियान में कई इलाकों की घेराबंदी की गई है। कठुआ के लोवांग और सरथल क्षेत्रों में सेना का विशेष फोकस है।
नदर त्राल में तीन आतंकी ढेर
15 मई को पुलवामा के नदर त्राल इलाके में एक सर्च ऑपरेशन में तीन आतंकी मारे गए थे। वहीं 22 मई को किश्तवाड़ के शिंगपोरा क्षेत्र में ‘ऑपरेशन त्रशी’ के दौरान सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें एक जवान शहीद हो गया था और चार आतंकियों को घेरा गया।
ऑपरेशन सिंदूर : आतंक के खिलाफ भारत का कड़ा संदेश
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की थी। इसका मकसद घुसपैठ रोकना, आतंकी ठिकानों को खत्म करना और स्थानीय इलाकों में स्थिरता कायम करना है। कठुआ, किश्तवाड़, पुलवामा और सम्बा जैसे संवेदनशील इलाकों में लगातार तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं।