Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
People's Reporter
5 Nov 2025
Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में बम धमकी भरे ईमेल मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार सुबह जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी देने वाला ईमेल मिलते ही हड़कंप मच गया। एयरपोर्ट प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत सतर्कता बरतते हुए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया।
रविवार सुबह करीब 11 बजे जयपुर एयरपोर्ट की ऑफिशियल ईमेल आईडी पर धमकी भरा मेल आया। इसमें लिखा गया था कि टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर विस्फोटक लगाया गया है, जो किसी भी समय फट सकता है। साथ ही यह भी कहा गया कि अगर तुरंत बिल्डिंग खाली नहीं कराई गई, तो सभी लोग मारे जाएंगे।
ईमेल की जानकारी मिलते ही पुलिस, बम स्क्वॉड, फायर ब्रिगेड और सिविल डिफेंस की टीमों को मौके पर रवाना किया गया। CISF ने भी पूरे एयरपोर्ट परिसर में बम निरोधक उपकरणों और डॉग स्क्वॉड की मदद से तलाशी अभियान चलाया। हालांकि, अब तक किसी भी संदिग्ध वस्तु या विस्फोटक का पता नहीं चला है।
सर्च ऑपरेशन के कारण कुछ देर के लिए यात्रियों को असुविधा जरूर हुई, लेकिन फ्लाइट संचालन सामान्य रहा। एयरपोर्ट अथॉरिटी और पुलिस प्रशासन ने यात्रियों से संयम बरतने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने की अपील की है।
इससे पहले 26 जून को जयपुर के ईएसआईसी अस्पताल को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। यह मेल अजमल कसाब के नाम से आया था। उस घटना में भी बम स्क्वॉड और पुलिस ने पूरी बिल्डिंग को खंगाला, लेकिन कुछ नहीं मिला।
जयपुर में पिछले दो महीने से बम धमकी भरे मेल लगातार मिल रहे हैं। मई में सवाई मानसिंह स्टेडियम और जयपुर मेट्रो को भी इसी तरह बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। इन मामलों में पुलिस ने अहमदाबाद से एक महिला को गिरफ्तार भी किया था, जिसने स्वीकार किया कि उसने ही धमकी भरे ईमेल भेजे थे।
लगातार मिल रही इन धमकियों से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। पुलिस ने साइबर सेल को अलर्ट किया है और मेल भेजने वाले की पहचान के लिए तकनीकी जांच शुरू कर दी गई है। फिलहाल जयपुर एयरपोर्ट की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बम की झूठी धमकी देना भी गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत 10 साल तक की सजा हो सकती है। अगर यह आतंकवादी उद्देश्य से प्रेरित पाया गया तो UAPA के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है।