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वरिष्ठ IPS अधिकारी मनीष शंकर शर्मा का निधन : दिल्ली में इलाज के दौरान ली अंतिम सांस, भोपाल में अंतिम विदाई

भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस सेवा के प्रतिष्ठित अधिकारी और 1992 बैच के आईपीएस मनीष शंकर शर्मा का दिल्ली में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे विशेष पुलिस महानिदेशक (रेल) के पद पर कार्यरत थे। उनके निधन से मध्य प्रदेश पुलिस विभाग और प्रशासनिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से भोपाल पहुंच गया है। उनके निवास स्थान E-5 अरेरा कॉलोनी में अंतिम दर्शन के के बाद आज ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

प्रतिष्ठित करियर और उल्लेखनीय योगदान

मनीष शंकर शर्मा ने अपने करियर में कई अहम पदों पर सेवाएं दीं। वे मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में कार्यरत रहे। जिनमें रायसेन, सतना, छिंदवाड़ा और खंडवा शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने सुरक्षा निदेशक (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) और टी-बोर्ड ऑफ इंडिया के निदेशक पद का भी दायित्व संभाला। वर्ष 1997-98 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत बोस्निया और हर्जेगोविना में सेवाएं दीं, जहां उन्होंने स्थानीय पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति और सम्मान

मनीष शंकर शर्मा न केवल भारत बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी सेवाओं के लिए पहचाने जाते थे। उन्हें अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के सैन डिएगो शहर में विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सैन डिएगो के महापौर केविन एल. फॉकनर ने 20 जुलाई को ‘मनीष शंकर शर्मा दिवस’ के रूप में घोषित किया था। इसके अलावा, उन्हें यूएस हाउस ऑफ रिप्रिजेंटेटिव्स द्वारा विशेष कांग्रेसनल रिकग्निशन प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया था।

शिक्षा और वैश्विक अनुभव

मनीष शंकर शर्मा ने इंदौर के प्रतिष्ठित डेली कॉलेज से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और बाद में एमबीए की डिग्री बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ पिलानी से हासिल की। इसके अलावा, उन्होंने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल सिक्योरिटी, काउंटर टेररिज्म एंड पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स डिग्री प्राप्त की। अपने 31 वर्षों के करियर में उन्होंने चार महाद्वीपों में सेवाएं दीं और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा व आतंकवाद विरोधी नीतियों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

साहित्यिक योगदान और शोध कार्य

मनीष शंकर शर्मा न केवल एक कुशल पुलिस अधिकारी थे, बल्कि उनकी गहरी साहित्यिक रुचि भी थी। वैश्विक आतंकवाद पर लिखी गई पुस्तक ‘ग्लोबल टेररिज्म-चैलेंजेस एंड पॉलिसी ऑप्शंस’ में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा। इस पुस्तक में योगदान देने वाले वे एकमात्र भारतीय लेखक थे। उनके शोध कार्यों और अनुभवों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया।

पारिवारिक पृष्ठभूमि और समाजसेवा

मनीष शंकर शर्मा एक प्रतिष्ठित परिवार से संबंध रखते थे। उनके पिता कृपा शंकर शर्मा मध्य प्रदेश सरकार में मुख्य सचिव रह चुके हैं, जबकि उनके चाचा डॉ. सीताशरण शर्मा मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे हैं। मूल रूप से नर्मदापुरम से ताल्लुक रखने वाले मनीष शंकर शर्मा ने अपनी सेवाओं के दौरान न केवल कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ किया, बल्कि समाजसेवा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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