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IPL 2024 : DRS में इस्तेमाल होगा स्मार्ट रीप्ले सिस्टम, सटीक और जल्द मिलेगा डिसीजन, 8 हाई स्पीड कैमरों से मिलेगी फुटेज

नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग 2024 (IPL) में अब डिसीजन रिव्यू सिस्टम ( DRS) और थर्ड अंपायर के फैसले ज्यादा सटीक और तेजी से मिल जाएंगे। इसके लिए स्मार्ट रीप्ले सिस्टम का इस्तेमाल होगा। इस बार होने जा रहे IPL के दौरान अब टीवी अंपायर को दो हॉक-आई ऑपरेटर्स से सीधे इनपुट मिलेगा क्योंकि वह अंपायर के साथ एक ही कमरे में बैठे होंगे। वह टीवी अंपायर को हॉक-आई के आठ हाई-स्पीड कैमरों की मदद से कैप्चर की गई फोटोज देंगे। अब तक टीवी ब्रॉडकास्ट डायरेक्टर थर्ड अंपायर और हॉक-आई ऑपरेटर्स के बीच हुआ करता था। अब जो नया सिस्टम लॉन्च किया जाएगा उसमें टीवी ब्रॉडकास्ट डायरेक्टर का रोल खत्म कर दिया गया है।

स्टंपिंग और रन आउट के डिसीजन में होगी और आसानी

स्टंपिंग के लिए इस नई तकनीक में अब टीवी अंपायर को तीन इमेज दिखाई देंगी। साइड-ऑन कैमरों के साथ-साथ उसी समय फ्रंट-ऑन फुटेज भी दिखेगा। फ्रंट-ऑन कैमरा एंगल इसलिए अहम है, क्योंकि यह बेल्स के विकेट से हटने की सटीक तस्वीर देता है। पहले ब्रॉडकास्टर स्टंप कैम के फुटेज के साथ हर तरफ से साइड-ऑन एंगल दिखाते थे। पहले उपयोग किए जा रहे स्टंप कैम 50 फ्रेम प्रति सेकंड की कम गति पर एक्शन को रिकॉर्ड करता था, अब हॉक-आई कैमरे लगभग 300 फ्रेम प्रति सेकंड पर रिकॉर्ड करेंगे। इससे अंपायर को अपने फैसले लेने में लगने वाला वक्त बचेगा। ये नया स्मार्ट रिव्यू सिस्टम जमीन से कुछ इंच ऊपर पकड़े गए कैच के मामले में भी ज्यादा सफाई के साथ डिसीजन देने में मददगार होगा। उदाहरण के लिए बाउंड्री पर कैच का उदाहरण लें तो अब तक ब्रॉडकास्टर्स कैच लेते समय फील्डर के पैर और हाथ को स्क्रीन पर एक साथ नहीं दिखा पाते थे। नए सिस्टम में अंपायर स्क्रीन में पैर के फुटेज के साथ यह देख पाएंगे कि गेंद कब पकड़ी और कब छोड़ी गई।

केवल बॉल ट्रैकिंग और अल्ट्रा एज के लिए होता था हॉक आई का इस्तेमाल

आईपीएल 2023 तक हॉक-आई कैमरों का इस्तेमाल बॉल ट्रैकिंग और अल्ट्राएज के लिए किया जाता था। इसलिए LBW और गेंद के बल्ले का किनारा लेने के अलावा ब्रॉडकास्टर ऑन-फील्ड रेफरल के लिए अन्य कैमरों से मिले फुटेज देखते थे। अब इस स्मार्ट रीप्ले सिस्टम के इस्तेमाल से ऐसे अहम फैसलों के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसका फायदा यह होगा कि जल्द निर्णय मिलने से मैच समय पर खत्म हो सकेगा। पहले कई बार किसी फैसले के लिए अंपायर को तीन से पांच मिनट तक का समय लग जाता था, लेकिन अब दावा किया जा रहा है कि यह समय घटकर एक मिनट से भी कम हो जाएगा। ऐसे में अब अगर किसी मैच में पांच बार रेफरल लिया जाएगा तो इस नए स्मार्ट सिस्टम से मैच की अवधि 20 मिनट तक कम हो जाएगी।

ओवरथ्रो में बल्लेबाजों ने क्रॉस किया या नहीं

आठ हॉक-आई कैमरे इस्तेमाल होने से स्क्रीन पर चार रन को जाने वाले ओवरथ्रो के दौरान यह देखने को मिलेगा कि फील्डर ने गेंद थ्रो की तो बल्लेबाजों ने एक दूसरे को क्रॉस किया था या नहीं। इससे पहले टीवी अंपायर को ऐसे सटीक दृश्य नहीं मिलते थे, क्योंकि कम समय में दो इमेज को जोड़ना काफी मुश्किल होता था। इस नए सिस्टमन के आने के बाद अब गेंद के बल्ले के पास से गुजरने पर कोई गैप दिखाई देगा तो थर्ड अंपायर अल्ट्राएज की मांग ही नहीं करेगा।

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