
अमेरिका द्वारा 145% टैरिफ लगाने के बाद अब चीन ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी सामानों पर 125% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। यह टैरिफ कल से लागू होगा। चीन सरकार ने साफ किया है कि यह अमेरिका की दबाव की नीति का जवाब है। लेकिन अब भविष्य में किसी और अतिरिक्त अमेरिकी टैरिफ का जवाब नहीं दिया जाएगा। चीन के मुताबिक अमेरिका का यह कदम अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन है और इससे व्यापारिक माहौल को नुकसान पहुंच रहा है।
हम किसी से नहीं डरते- जिनपिंग
अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने के बाद पहली बार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चीन कभी भी किसी की धमकी या दबाव से नहीं डरा और न ही अब झुकेगा।
उन्होंने आगे ने कहा- ‘पिछले 70 सालों में चीन ने जो तरक्की की है, वह कड़ी मेहनत और आत्मनिर्भरता का परिणाम है। हम कभी किसी के दान पर नहीं चले और न किसी की मर्जी से डरते हैं। ट्रेड वॉर में किसी की जीत नहीं होती और जो दुनिया के खिलाफ जाता है, वह अपने ही खिलाफ जाता है।’
अमेरिका ने भी लगाया था 145% टैरिफ
अमेरिका ने चीन से आने वाले उत्पादों पर अब कुल 145% टैरिफ लगाने का फैसला किया है। पहले यह टैरिफ 125% बताया गया था। लेकिन अब व्हाइट हाउस ने यह साफ किया है कि इसमें फेंटानिल ड्रग तस्करी पर 20% की अतिरिक्त पेनल्टी भी जोड़ी गई है। यह टैरिफ मार्च 2025 से लागू होगा।
स्पेन के पीएम पहुंचे चीन
वहीं दूसरी ओर स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज शुक्रवार को चीन के दौरे पर पहुंचे। ट्रम्प द्वारा टैरिफ बढ़ाने के ऐलान के बाद चीन का दौरा करने वाले वह पहले यूरोपीय नेता हैं।
इससे पहले 8 अप्रैल को उन्होंने ट्रम्प की टैरिफ नीति की आलोचना की थी और कहा था कि इससे यूरोप को मजबूरन नए व्यापारिक बाजार तलाशने पड़ेंगे। सांचेज ने यह भी इशारा किया कि यूरोपीय देश अब चीन के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में सोच रहे हैं।
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