
अमेरिका ने चीन से आने वाले उत्पादों पर अब कुल 145% टैरिफ लगाने का फैसला किया है। पहले यह टैरिफ 125% बताया गया था। लेकिन अब व्हाइट हाउस ने यह साफ किया है कि इसमें फेंटानिल ड्रग तस्करी पर 20% की अतिरिक्त पेनल्टी भी जोड़ी गई है। यह टैरिफ मार्च 2025 से लागू होगा।
ड्रग तस्करी पर ट्रम्प का सख्त रुख
ट्रंप प्रशासन ने 4 मार्च को चीन पर फेंटानिल ड्रग की तस्करी में शामिल होने के आरोप में 20% टैरिफ लगाया था। इसे पहले अलग माना जा रहा था। लेकिन अब इस टैरिफ को कुल 145% में शामिल कर लिया गया है।
इसके अलावा, एक 1% का ‘मिसलेनियस एडजस्टमेंट’ भी जोड़ा गया है, हालांकि यह किस कारण से लगाया गया है, इसकी जानकारी अभी नहीं दी गई है। इस टैरिफ का सीधा असर यह होगा कि चीन में बना 100 डॉलर का सामान अब अमेरिका में 245 डॉलर में बिकेगा। इसका मतलब है कि अमेरिकी बाजार में चीनी सामान काफी महंगा हो जाएगा, जिससे उसकी बिक्री पर असर पड़ेगा।
फेंटानिल से अमेरिका में हाहाकार
फेंटानिल एक ऐसा ड्रग है जो हेरोइन से 50 गुना और मॉर्फिन से 100 गुना ज्यादा खतरनाक होता है।
ट्रंप ने कहा कि चीन में यह ड्रग तैयार होता है और फिर मेक्सिको और कनाडा के रास्ते अमेरिका भेजा जाता है। उनका आरोप है कि चीन सरकार इस पर रोक लगाने में नाकाम रही है।
वहीं CDC (Centers for Disease Control) के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में 70,000 से ज्यादा अमेरिकी नागरिकों की मौत फेंटानिल ओवरडोज से हुई। साथ ही ट्रंप ने इसे अमेरिका को ‘भीतर से खोखला करने वाली’ चीन की साजिश कहा हैं।
मेक्सिको बॉर्डर पर सबसे ज्यादा फेंटानिल एक्सपोर्ट
हालांकि 2019 में चीन ने फेंटानिल पर बैन लगाया था। लेकिन इसके बाद तस्कर चीन से फेंटानिल की जगह उसके कच्चे केमिकल भेजने लगे। फिर मेक्सिको के ड्रग कार्टेल इन्हें प्रयोगशालाओं में फेंटानिल में बदल देते हैं। DEA (Drug Enforcement Administration) की रिपोर्ट बताती है कि 97% फेंटानिल अमेरिका में मेक्सिको बॉर्डर से आता है।
शेयर बाजार पर असर, तेल भी सस्ता
टैरिफ की घोषणा के बाद अमेरिका के शेयर बाजारों में भी गिरावट देखी गई।
- NASDAQ में करीब 7% की गिरावट आई।
- एप्पल और एनवीडिया जैसी बड़ी कंपनियों के शेयर गिरे।
- वहीं, कच्चे तेल की कीमत में लगभग 4% की गिरावट आई और यह 63 डॉलर प्रति बैरल से नीचे पहुंच गया।
डील करने वाले देशों को राहत, चीन पर कोई नरमी नहीं
9 अप्रैल को ट्रंप ने कहा कि अमेरिका से व्यापार करने के इच्छुक 75 से ज्यादा देशों ने बातचीत की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि इन देशों ने उनके सुझाव पर अमेरिका के खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की है।
इसके चलते ट्रंप ने 90 दिनों का विराम स्वीकार किया है, ताकि इस बीच नए व्यापार समझौतों पर बातचीत हो सके। उन्होंने 2 अप्रैल को घोषणा की थी कि कुछ देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया जाएगा, जिसमें भारत पर भी 26% टैरिफ लगाया गया था। लेकिन अब चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों पर 90 दिन के लिए केवल 10% का बेसलाइन टैरिफ लगाया गया है।
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