
शनिवार को अमेरिका के अलग-अलग हिस्सों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और एलन मस्क की नीतियों के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन हुआ। ‘हैंड्स ऑफ’ नाम के इस प्रोटेस्ट में 1200 से अधिक रैलियां निकाली गई। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सरकार सामाजिक योजनाओं में कटौती और नौकरियों में कमी कर रही है, जिससे आम लोग प्रभावित हो रहे हैं। इस विरोध में 150 से ज्यादा संगठनों ने हिस्सा लिया, जिनमें सिविल राइट्स संस्थान, मजदूर यूनियन, LGBTQ+ कार्यकर्ता और पूर्व सैनिक भी शामिल थे।
सरकारी खर्च में कटौती को लेकर मस्क के बयान पर बवाल
एलन मस्क फिलहाल ट्रम्प सरकार में ‘डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी’ के प्रमुख हैं। उन्होंने हाल ही में बयान दिया था कि सरकारी नौकरियों में कटौती से टैक्स देने वालों के अरबों डॉलर बचाए जा सकते हैं। वहीं व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया कि ट्रम्प सरकार सोशल सिक्योरिटी और मेडिकेयर जैसी योजनाओं के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन डेमोक्रेट्स इन सुविधाओं का लाभ अवैध अप्रवासियों को देना चाहते हैं।
भारत समेत 60 देशों पर टैरिफ लागू
2 अप्रैल को राष्ट्रपति ट्रम्प ने ‘रेसिप्रोकल टैक्स’ की घोषणा करते हुए भारत समेत कई देशों पर नया टैरिफ लागू कर दिया। भारत पर 26%, चीन पर 34%, जापान पर 24%, और वियतनाम पर 46% तक का टैरिफ लगाया गया है। ट्रम्प ने कहा कि भारत उनके दोस्त पीएम मोदी के नेतृत्व में अमेरिका के साथ सही व्यवहार नहीं कर रहा।
भारत की प्रतिक्रिया- हम इतना टैरिफ झेलने के सक्षम है
टैरिफ की घोषणा के बाद भारत सरकार की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत इस फैसले का असर आंक रहा है। साथ ही देश की अर्थव्यवस्था ऐसी चुनौती से निपटने में सक्षम है। अधिकारी ने यह भी संकेत दिया कि अगर भारत अमेरिका की चिंताओं पर विचार करता है, तो टैरिफ में राहत मिल सकती है।
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