
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं। रविवार को उन्होंने टैरिफ को लेकर बाजारों में आई भारी गिरावट पर प्रतिक्रिया दी। ट्रम्प कहा, ‘कभी-कभी किसी चीज को ठीक करने के लिए दवा लेनी पड़ती है।’ दरअसल, ये बातचीत फ्लोरिडा से गोल्फ खेलकर लौटते समय एयर फोर्स विमान में पत्रकारों से हुई थी। इसके साथ ट्रंप ने आरोप लगाया कि दूसरे देशों ने अमेरिका के साथ वर्षों तक गलत व्यवहार किया है। लेकिन अपनी पूरी बातचीत में उन्होंने टैरिफ हटाने को लेकर कोई बात नहीं की।
फर्क नहीं पड़ता, जल्द सब ठीक होगा- ट्रम्प
ट्रंप ने बाजारों में गिरावट को लेकर कहा, ‘आगे क्या होगा, मैं नहीं कह सकता, लेकिन हमारा देश अब पहले से ज्यादा मजबूत है। मुझे मार्केट क्रैश से फर्क नहीं पड़ा, ये थोड़े समय की बात है, फिर सब कुछ सामान्य हो जाएगा।’ इस वक्त वैश्विक स्तर पर टैरिफ के चलते इन्वेस्टर्स में बेचैनी बढ़ रही है, और अमेरिकी मार्केट के साथ-साथ दुनियाभर के शेयर बाजारों में तेज गिरावट देखने को मिल रही है।
‘ब्लैक मंडे’ जैसी आशंका, मार्केट एक्सपर्ट की चेतावनी
6 अप्रैल को मार्केट एनालिस्ट जिम क्रैमर ने चेतावनी दी थी कि 7 अप्रैल को बाजारों में जबरदस्त गिरावट आ सकती है। उन्होंने इसे ‘ब्लड बाथ’ कहा और 1987 के ‘ब्लैक मंडे’ से तुलना की। 19 अक्टूबर 1987 को अमेरिकी डाउ जोन्स इंडेक्स में एक ही दिन में 22.6% की ऐतिहासिक गिरावट आई थी, जिसकी लहर दुनिया के कई देशों में फैल गई थी।
टैरिफ पर 50 देशों ने जताई चिंता, बातचीत में लग सकता है समय
ट्रंप प्रशासन के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने बताया कि अब तक 50 से ज्यादा देशों ने अमेरिका से संपर्क किया है, लेकिन किसी भी बातचीत में समय लगेगा। उन्होंने कहा, “यह कोई छोटा मसला नहीं है, कई देश सालों से गलत तरीके अपनाते आ रहे हैं। अब इसे सुधारने में वक्त लगेगा।”
भारत समेत 60 देशों पर नया रेसिप्रोकल टैक्स लागू
2 अप्रैल को ट्रंप ने ‘रेसिप्रोकल टैक्स’ का ऐलान किया, जिसके तहत भारत पर 26% टैरिफ लगाने की घोषणा की गई। उन्होंने कहा, “मोदी मेरे अच्छे दोस्त हैं, लेकिन भारत हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहा।’ इसके अलावा चीन पर 34%, यूरोपीय यूनियन पर 20%, जापान पर 24%, वियतनाम पर 46% और ताइवान पर 32% टैरिफ लगाया गया है। 60 देशों पर अमेरिका ने उनके द्वारा लगाए गए टैक्स के मुकाबले आधे टैरिफ लगाने का फैसला किया है, ताकि घरेलू प्रोडक्शन को बढ़ावा मिल सके।
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