Shivani Gupta
11 Dec 2025
इंदौर। मेघदूत गार्डन के सामने सड़क में बने खतरनाक गड्ढे को लेकर आखिरकार सच्चाई सामने आ गई है। नगर निगम की जांच में यह खुलासा हुआ है कि इस गड्ढे के लिए एयरटेल कंपनी की बिना अनुमति की गई खुदाई जिम्मेदार है। कंपनी द्वारा स्कीम नंबर 54 में अवैध रूप से लाइन बिछाने के लिए खुदाई की गई थी, जिससे वहां से गुजर रही टी-यूज वॉटर पाइपलाइन फट गई। लगातार रिसाव के कारण सड़क की नींव कमजोर हो गई और आखिरकार 5 फीट गहरा और 15 फीट लंबा गड्ढा बन गया।
नगर निगम के अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया ने पुष्टि की है कि एयरटेल की खुदाई के कारण पाइपलाइन को नुकसान पहुंचा और लीकेज से सड़क धंस गई। महापौर पुष्यमित्र भार्गव के निर्देश पर निगम ने एयरटेल पर 4 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा एफआईआर दर्ज करने के लिए थाना पुलिस को आवेदन भी सौंपा गया है। निगम ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में कोई भी कंपनी नगर निगम की अनुमति के बिना खुदाई या निर्माण कार्य नहीं कर सकेगी।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हादसे वाली जगह पर सुबह से ही पानी बह रहा था। जांच में पता चला कि सड़क के नीचे से गुजर रही टी-यूज वॉटर लाइन में लीकेज हो रहा था, जिससे लगातार पानी बहता रहा और मिट्टी की पकड़ कमजोर हो गई। यही वजह थी कि सड़क की सतह अचानक धंस गई और बड़ा गड्ढा बन गया, जिससे यातायात भी प्रभावित हुआ।
इस घटना से पहले ही कांग्रेस ने शहर में हो रहे घटिया पेंचवर्क को लेकर चेतावनी दी थी। एक सप्ताह पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने छावनी मार्ग के गड्ढों में बैठकर विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने नगर निगम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और ज्ञापन सौंपते हुए कहा था कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद सड़कें बारिश में धंस रही हैं।
कांग्रेस नेताओं का दावा है कि मार्च 2025 में नगर निगम ने शहर की मुख्य सड़कों पर पेंचवर्क के लिए 5 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया था। बावजूद इसके, जिन क्षेत्रों में यह कार्य हुआ, वहां की हालत बेहद खराब है। सांकेत नगर, श्रीनगर, गुमास्ता नगर, एलआईजी, खजराना सहित दर्जनों क्षेत्रों में बरसात में सड़कें धंस गईं, जिससे निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिस भी एजेंसी या व्यक्ति की लापरवाही सामने आएगी, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। निगम ने एयरटेल की जिम्मेदारी तय करते हुए न केवल जुर्माना लगाया है, बल्कि एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी। महापौर ने यह भी कहा कि भविष्य में किसी भी निर्माण या खुदाई कार्य के लिए नगर निगम की पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।