Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
Naresh Bhagoria
5 Nov 2025
Naresh Bhagoria
5 Nov 2025
इंदौर। नीट यूजी 2024 परीक्षा में बिजली कटौती के कारण परीक्षा में बाधा झेलने वाले मध्यप्रदेश के करीब 75 छात्रों के लिए राहत की खबर है। इंदौर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इस मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को निर्देश दिए हैं कि वह इन छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करे और उसका परिणाम जल्द से जल्द घोषित करे।
4 मई को देशभर में नीट यूजी की परीक्षा आयोजित की गई थी। मध्यप्रदेश के कई केंद्रों, विशेष रूप से उज्जैन और आसपास के क्षेत्रों में, परीक्षा के दौरान बिजली चली गई थी। इससे कई छात्रों को अंधेरे और असुविधाजनक माहौल में परीक्षा देनी पड़ी, जबकि अन्य केंद्रों पर परीक्षा सामान्य रूप से संपन्न हुई।
इंदौर हाईकोर्ट ने 19 पेज का विस्तृत आदेश जारी करते हुए माना कि बिजली कटौती के चलते छात्रों को एक असमान परीक्षा वातावरण का सामना करना पड़ा। छात्रों की कोई गलती नहीं थी, फिर भी उन्हें नुकसान झेलना पड़ा। कुछ छात्रों को ऐसी कक्षाओं में बैठाया गया जहां प्राकृतिक रोशनी भी पर्याप्त नहीं थी। सुनवाई के दौरान अदालत ने खुद कोर्ट रूम की लाइट बंद कर उस स्थिति का आकलन किया, जिसमें छात्रों को परीक्षा देनी पड़ी थी। इससे कोर्ट को समझने में मदद मिली कि वास्तव में हालात कितने खराब रहे होंगे।
यह दोबारा परीक्षा सिर्फ उन छात्रों के लिए होगी जिन्होंने 3 जून से पहले याचिका दायर की थी। यदि किसी छात्र का परिणाम पहले ही घोषित हो चुका है, लेकिन उसकी याचिका 3 जून से पहले दायर हुई थी, तो भी वह दोबारा परीक्षा देने का हकदार होगा। इसके विपरीत, जो छात्र 3 जून के बाद याचिका लेकर आए, वे इस फैसले के दायरे में नहीं आएंगे। पुनः परीक्षा में मिलने वाले अंकों को ही उस छात्र की अंतिम रैंकिंग में माना जाएगा।
भारत सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में पक्ष रखते हुए कहा कि जिन केंद्रों पर बिजली गई थी, वहां पावर बैकअप (जैसे जनरेटर) की व्यवस्था थी। हालांकि, छात्रों की ओर से पेश वकील मृदुल भटनागर ने इस दलील को गलत बताते हुए कहा कि खुद NTA के सेंटर ऑब्जर्वर ने रिपोर्ट में स्वीकार किया है कि कई केंद्रों पर जनरेटर नहीं थे। कुछ केंद्रों पर पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी भी नहीं थी।