इंदौर क्राइम ब्रांच ने राजस्थान से ड्रग्स तस्करी करते हुए एक युवती और निलंबित जेल प्रहरी को गिरफ्तार किया है। युवती ‘लेडी डॉन’ के नाम से जाना जाता है, जो पहले चाकूबाजी के मामले में दो बार गिरफ्तार हो चुकी है। वहीं, आरोपी युवक आलीराजपुर जेल का प्रहरी है, जो टोल पर पुलिस का कार्ड दिखाकर ड्रग्स की खेप आसानी से इंदौर तक लाता था। मुखबिर की सूचना पर क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार शाम MR-4 रोड पर घेराबंदी कर दोनों को पकड़ा है।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
डीसीपी राजेश कुमार त्रिपाठी को सूचना मिली थी कि मारपीट और चाकूबाजी की आरोपी एक युवती और जेल का प्रहरी ड्रग्स की तस्करी में लिप्त हैं। एडीसीपी राजेश दंडोतिया के नेतृत्व में एसआई अमित कटियार की टीम ने कार्रवाई करते हुए दीपक यादव (निवासी सुदामानगर) और श्रुति निषाद (निवासी भगत सिंह नगर) को एमआर-4 रोड पर मलैया एग्रो इंजीनियरिंग कंपनी के पास से गिरफ्तार किया।
आरोपियों की कार (एमपी 09 सीयू 8756) की तलाशी में 10.22 ग्राम एमडी ड्रग्स और 20.30 ग्राम ब्राउन शुगर बरामद हुई, जिसकी कीमत लगभग 10 लाख रुपए बताई जा रही है। इसके अलावा, 20 हजार रुपए नकद और एक मोबाइल फोन भी जब्त किया गया है।
जेल से था गैरहाजिर
आरोपी दीपक यादव जेल विभाग में अनुकंपा नियुक्ति पर तैनात था। हालांकि, वह छह महीने से गैरहाजिर था और नौकरी छोड़कर ड्रग्स तस्करी करने लगा। दीपक पर उसकी पत्नी ने दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराया था। इसी के बाद उसे सस्पेंड किया गया। वहीं श्रुति निशाद, जिसे ‘लेडी डॉन’ कहा जाता है, उसकी दोस्त है और दोनों नशे के आदी हैं।
पुलिस कार्ड से बचाता था जांच से
हर बार जब दीपक और श्रुति राजस्थान से ड्रग्स लेकर आते, तो दीपक टोल पर पुलिस का कार्ड दिखाकर चेकिंग से बच जाता था। पुलिस कार्ड के चलते किसी को उस पर शक नहीं होता था और वह आसानी से नशे का सामान इंदौर तक पहुंचा देता था।
आरोपियों से पूछताछ जारी
श्रुति निशाद पहले चाकूबाजी और मारपीट के मामलों में दो बार जेल जा चुकी है। वहीं, दीपक के खिलाफ उसकी पत्नी ने घरेलू हिंसा का केस भी दर्ज कराया हुआ है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर उनके नेटवर्क की जानकारी जुटा रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
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