
इंदौर – सुबह 9 बजे मासूम के दादा-दादी किसी गमी के लिए घर से निकले, साढ़े 9 बजे के बीच बच्ची के पिता घर पर थे। घर मे सिर्फ आरोपी माँ उसकी बेटी और उसके पिता मौजद थे । बच्ची के पिता उसकी माँ से यह कहा की, कि मै वॉश रूम होकर आ रहा हु। तुम बच्ची का ध्यान रखना। तुम जाओ में इसका ध्यान रख लूँगी। बस 5 मिनिट बाद आवाज आई कि अपनी गुड़िया कहा हैं। मैं वॉश रूम से भागा तो पहले घर में आसपास मैंने देखा लेकिन वो नहीं दिखी । मैंने बोला होज में देखू लेकिन उसने साफ मनाकर दिया होज में मत देखो। एक लड़का बाहर खड़ा था वो शायद उसे उठा ले गया हैं। मै किराने की दुकान से लेकर आसपास देखा लेकिन वो नहीं मिली। जिसके बाद मैनें घर आकार पड़ोसियों ने कहा होज में देखो तो बच्ची होज में थी। हम अस्पताल तक पहुंचे तब तक बच्ची की मौत हो गई थी।

वर्षा बच्ची को ठीक से दूध नहीं पीला पाती थी।
बच्ची मायरा के परिवार ने बताया कि 29 सितंबर 2024 को बच्ची का जन्म हुआ था। बच्ची के जन्म के बाद हमने एक दो पहिया वाहन खरीदा था। जिसकी खुशी-खुशी बच्ची मायरा के साथ उसकी माँ वर्षा ने भी पूजा की थी। लेकिन वर्षा बच्ची को ठंग से दूध नहीं पीला पाती थी। इस कारण सास कभी कभी उसे कहती थी ऐसे नहीं बच्चों को ऐसे संभालते हैं। वर्षा इन सभी बातों से मन ही मन दुखी होती थी।मायरा दादी के पास अधिक समय रहती थी। घटना वाले दिन जब बच्ची मारया नहीं दिखी तो घर से अविनाश ने पिता राजेन्द्र चौहान को फोन किया। अविनाश ने पिता से बोला की बच्ची घर पर नहीं तो पिता ने कहा की अपने घर में कोई नहीं आअ सकता हैं, घर में ही देख , लेकिन जब थोड़ी देर बाद अविनाश ने यह खबर उनके पिता को दी तो उनका कलेजा फट गया। अब मायरा के दादा और दादी उनकी बहु को फांसी देने की बात कह रहे हैं।

मायरा के दादा ने बताया कि दिसंबर 2024 को अविनाश और वर्षा का विवाह हिन्दू रीति रिवाज से किया था। वर्षा की ये दूसरी शादी है। उसकी पहली शादी बड़ोद गांव में हुई थी, जहां उसकी ढाई साल की एक बेटी भी है। लेकिन अविनाश के साथ शादी के बाद से दोनों के बीच किसी भी बात की कोई भी अनबन नहीं हुई। पिता अविनाश चौहान रेडीमेड कपड़ों का कारोबार करते हैं।