अंतर्राष्ट्रीयताजा खबरराष्ट्रीय

माउंट एवरेस्ट फतह के बाद भारतीय पर्वतारोही की मौत, हिलेरी स्टेप के पास नीचे उतरने से किया इनकार…

काठमांडू/कोलकाता। विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने के कुछ ही घंटों बाद एक भारतीय पर्वतारोही की मौत हो गई। पश्चिम बंगाल के रहने वाले 45 वर्षीय सुब्रत घोष ने एवरेस्ट के शिखर पर तो कदम रख दिए, लेकिन लौटते वक्त उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्होंने नीचे उतरने से इनकार कर दिया। बाद में उनका शव हिलेरी स्टेप के पास मिला।

घोष ने 8,849 मीटर ऊंचे शिखर को पार कर लिया था। यह स्थान ‘डेथ ज़ोन’ के अंतर्गत आता है, जहां ऑक्सीजन की कमी के कारण मानव शरीर लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकता।

हिलेरी स्टेप से नीचे गिरे…

सुब्रत घोष ‘माउंटेनियरिंग एसोसिएशन ऑफ कृष्णनगर – स्नोई एवरस्ट एक्सपीडिशन 2025’ के तहत पर्वतारोहण कर रहे थे। उन्होंने अपने शेरपा गाइड चंपाल तमांग के साथ एवरेस्ट की चोटी पर सफलता पूर्वक चढ़ाई की थी। लेकिन गुरुवार को नीचे उतरते समय वह अत्यधिक थकान और हाई-एल्टीट्यूड सिकनेस का शिकार हो गए। हिलेरी स्टेप तक पहुंचने के बाद उन्होंने नीचे उतरने से इनकार कर दिया और हिलेरी स्टेप से नीचे गिरने के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

शव लाने के प्रयास जारी, लेकिन चुनौतीपूर्ण रास्ता

स्नोई होराइजन ट्रेक्स के प्रबंध निदेशक बोधराज भंडारी ने मीडिया को बताया कि गाइड चंपाल तमांग उन्हें किसी तरह नीचे लाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन घोष ने खुद ही मना कर दिया। तमांग जैसे-तैसे कैंप-4 लौटे और घटना की जानकारी दी।
सुब्रत घोष का शव अभी भी पर्वत पर ही है। घोष के पार्थिव शरीर को बेस कैंप तक लाने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन यह कार्य आसान नहीं है। ‘डेथ ज़ोन’ कहे जाने वाले इस इलाके में कम ऑक्सीजन और अत्यधिक ठंड के कारण राहत कार्य बेहद जोखिम भरा होता है।

दूसरी विदेशी मौत, अब तक 50 पर्वतारोही चढ़ चुके हैं शिखर पर

सुब्रत घोष इस पर्वतारोहण सीजन में माउंट एवरेस्ट पर जान गंवाने वाले दूसरे पर्वतारोही हैं। इससे पहले 14 मई को फिलीपींस निवासी फिलिप द्वितीय सैंटियागो (45) की मृत्यु कैंप-4 में चढ़ाई की तैयारी के दौरान हुई थी। अब तक इस सीजन में 50 से अधिक पर्वतारोहियों ने सफलतापूर्वक चोटी फतह कर ली है और 450 से अधिक पर्वतारोही इस साहसिक यात्रा की अनुमति प्राप्त कर चुके हैं।

संबंधित खबरें...

Back to top button