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भारत ने किया ट्रंप के युद्धविराम दावे को खारिज, MEA ने स्पष्ट किया- ट्रेड की कोई बात नहीं हुई

विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया– संघर्ष विराम भारत की सैन्य ताकत का परिणाम था, न कि किसी बाहरी दबाव का

नई दिल्ली। भारत सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को रोकने में अहम भूमिका निभाई थी। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि संघर्ष के दौरान भारत और अमेरिका के बीच भले ही सैन्य हालातों पर चर्चा हुई हो, लेकिन ट्रेड या व्यापार को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई थी।

विदेश मंत्रालय ने दी प्रतिक्रिया

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, “पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण हालातों के दौरान भारतीय और अमेरिकी नेतृत्व लगातार संपर्क में थे, लेकिन व्यापार से जुड़ा कोई मुद्दा चर्चा में नहीं आया।”

उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा युद्धविराम में किसी प्रकार की व्यापारिक चेतावनी या लालच की बात तथ्यहीन है।

सीजफायर की पहल पाकिस्तान की ओर से हुई- MEA

रणधीर जायसवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि 10 मई को हुए युद्धविराम की पहल भारत की ओर से नहीं, बल्कि पाकिस्तान द्वारा की गई थी। उन्होंने बताया कि दोपहर 12:37 बजे पाकिस्तानी उच्चायोग से भारतीय विदेश मंत्रालय को एक कॉल का अनुरोध मिला था। इसके बाद तकनीकी अड़चनों के कारण बातचीत 3:35 बजे शुरू हो सकी, जिसमें डीजीएमओ स्तर पर सीजफायर की तारीख और समय तय हुआ।

ऑपरेशन सिंदूर बना पाकिस्तान के पीछे हटने की वजह

भारत ने साफ किया है कि संघर्ष विराम की मुख्य वजह भारत की सैन्य कार्रवाई थी। विदेश मंत्रालय ने बताया कि 10 मई की सुबह भारत ने पाकिस्तान वायुसेना के प्रमुख ठिकानों पर सफलतापूर्वक हमले किए थे। इसके बाद पाकिस्तान को समझ में आ गया कि भारत किसी भी आक्रामक कार्रवाई का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

अन्य देशों को पहले ही दी थी जानकारी

विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत ने अन्य प्रमुख देशों को पहले ही सूचित कर दिया था कि वह 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब जरूर देगा। MEA के मुताबिक, भारत का रुख स्पष्ट था कि अगर पाकिस्तान गोलीबारी करेगा, तो हम जवाब देंगे। अगर वह रुकेगा, तो हम भी रुक जाएंगे। भारत की कार्रवाई पूरी तरह स्वदेशी निर्णयों पर आधारित थी।

ट्रंप ने क्या दावा किया

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बयान में दावा किया था कि उनके प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को टालने में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने कहा था कि उन्होंने दोनों देशों को धमकी दी थी कि अगर युद्ध नहीं रुका तो अमेरिका व्यापार बंद कर देगा। इस पर भारत ने सख्त ऐतराज जताते हुए स्पष्ट कर दिया कि भारत के निर्णय राष्ट्रीय हितों और रक्षा रणनीति पर आधारित थे, न कि किसी विदेशी दबाव या वादे पर।

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