
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई की शाम को हुए सीजफायर समझौते का असर अब दिखने लगा है। 11 और 12 मई की दरम्यानी रात जम्मू-कश्मीर और इंटरनेशनल बॉर्डर से सटे इलाकों में पूरी तरह शांतिपूर्ण रही। सेना की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि, किसी भी तरह की गोलीबारी या ड्रोन गतिविधि नहीं हुई है। हाल के 19 दिनों में यह पहली बार हुआ है जब पूरी रात बॉर्डर इलाकों में कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।
ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को बड़ा झटका
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे, उसके बाद भारत ने 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।
इस ऑपरेशन में:
- पाकिस्तान के अंदर 500 किमी तक एयरस्ट्राइक की गई।
- 9 आतंकी ठिकाने और 11 सैन्य बेस तबाह किए गए।
- 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया।
- नागास्त्र-1 और स्काईस्ट्राइकर जैसे आधुनिक ड्रोन का इस्तेमाल हुआ।
- यह पहली बार था जब भारत ने परमाणु शक्ति संपन्न पाकिस्तान के एयरबेस पर सीधा हमला किया।
पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई नाकाम
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने ड्रोन अटैक और गोलीबारी से जवाब देने की कोशिश की, लेकिन भारत की वायुसेना और थल सेना ने सतर्कता से पाकिस्तान के सभी मंसूबे नाकाम कर दिए।
- 7 से 10 मई के बीच पाकिस्तान की गोलीबारी में 7 जवान (5 आर्मी, 2 BSF) शहीद हुए और 60 घायल हुए।
- पाकिस्तान की तरफ से 15 स्थानों पर ड्रोन और मिसाइल अटैक किए गए, जिनमें सुंदरबनी, पुंछ, श्रीनगर, जम्मू, कठुआ, जालंधर और कच्छ शामिल हैं।
- ड्रोन हमलों के लिए पाकिस्तान ने तुर्किये में बने बाइकर ड्रोन का इस्तेमाल किया, जो 40-45 किलो तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम थे।
पंजाब और राजस्थान में हालात सामान्य
सीजफायर के बाद पंजाब और राजस्थान में हालात सामान्य होने लगे हैं:
- पंजाब के अधिकांश जिलों में स्कूल और कॉलेज दोबारा खुल चुके हैं।
- अमृतसर, फिरोजपुर, तरणतारण और बरनाला में एहतियातन स्कूल अभी भी बंद हैं।
- राजस्थान के बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर और श्रीगंगानगर में रात को ब्लैकआउट रहा, लेकिन सुबह चाय की दुकानों और बाजारों में चहल-पहल दिखी।
प्रवासी मजदूरों का पलायन, खेती और इंडस्ट्री पर असर
हालात सुधरने के बावजूद उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासी मजदूर अभी भी पंजाब से अपने घर लौट रहे हैं। रेलवे स्टेशनों पर भीड़ देखी जा रही है।
मजदूरों का कहना है कि, डर के माहौल में काम करना मुश्किल है, हालात ठीक होंगे तो लौट आएंगे।
इनके लौटने से क्या होगा:
- 1 जून से शुरू होने वाले धान रोपण सीजन पर असर पड़ सकता है।
- कृषि और अन्य इंडस्ट्रीज में मजदूरों की कमी आ सकती है।
- कई छात्र भी पढ़ाई छोड़कर अपने राज्यों को लौट रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के कई इलाके अब सामान्य
- अखनूर और राजौरी जैसे इंटरनेशनल बॉर्डर से लगे इलाकों में सुबह सामान्य माहौल दिखा।
- पुंछ और सुरनकोट जैसे क्षेत्रों से भागे लोग अब वापस आने की तैयारी कर रहे हैं।
- सुरक्षा बलों की ओर से शांति बनाए रखने का भरोसा दिया गया है।
DGMO की बातचीत आज
भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) आज दोपहर 12 बजे फोन पर बातचीत करेंगे। ANI के अनुसार, इस वार्ता में कोई तीसरा देश शामिल नहीं होगा।
यह बातचीत सीजफायर को मजबूत करने और भविष्य की किसी भी गलतफहमी से बचने के लिए की जा रही है।