नई दिल्ली। पहले बुजुर्गों को ही जोड़ों में दर्द रहता था, लेकिन अब यंग लोग भी इस दिक्कत का सामना कर रहे हैं। जाहिर सी बात है कि ये समस्या हमारे देश में बढ़ती जा रही है, लेकिन ज्वाइंट पेन को लेकर जागरूकता की कमी है। हेल्थकेयर प्रोवाइडर प्रिस्टिन केयर के एक सर्वे में भारतीयों में बोन और ज्वाइंट हेल्थ के बारे में जागरूकता की एक बड़ी कमी देखने को मिली है।
रिसर्च में पाया गया कि लगातार जोड़ों के दर्द से पीड़ित 60% लोग प्रोफेशनल की मेडिकल सलाह लेने से कतराते हैं। स्टडी में आगे पता चला कि सिर्फ 5 में से 1 रिस्पॉन्डेंट ही हड्डी और जोड़ों के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के बारे में जानकार हैं। ये फाइंडिंग्स बोन और ज्वाइंट के हेल्थ के मामले में अवेरनेस और एक्शन के बीच एक अहम गैप को जाहिर करता है।
शोध में यह भी दावा
एक तिहाई से ज्यादा रिस्पॉन्डेंट्स ने हड्डी और जोड़ों से संबंधित समस्याओं का कारण फैमिली हिस्ट्री बताया, जो इन कंडीशन में जेनेटिक प्रडिस्पोजीशन को हाइलाइट करता है।
सलाह से हेल्थ में सुधार होगा
जरूरी नॉलेज देकर, हम भारतीयों को बेहतर हड्डी और जोड़ों के स्वास्थ्य की दिशा में सक्रिय कदम उठाने के लिए सशक्त बना सकते हैं, जिससे हमारे देश के ओवरऑल हेल्थ में सुधार होगा। – डॉ. वैभव कपूर, को-फाउंडर, प्रिस्टिन केयर