
अधिकतर लोग भाई दूज का पर्व दीपावली के बाद मनाते हैं, लेकिन कई स्थानों पर होली के बाद चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को भी यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इस पर्व को भाई दूज के अलावा कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे- भाई टीका, भाऊबीज, भाई बीज, भाई फोंटा, भ्रातृ द्वितीया।
होली भाई दूज 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
- चैत्र कृष्ण द्वितीया तिथि शुरू : 15 मार्च, दोपहर 2:33 बजे
- चैत्र कृष्ण द्वितीया तिथि समाप्त : 16 मार्च, शाम 4:58 बजे
- उदया तिथि के अनुसार पर्व : 16 मार्च 2025
भाई दूज के अन्य शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त – 04:30 AM से 05:18 AM
प्रातः सन्ध्या – 04:54 AM से 06:06 AM
अभिजित मुहूर्त – 11:43 AM से 12:31 PM
विजय मुहूर्त – 02:07 PM से 02:55 PM
गोधूलि मुहूर्त – 06:05 PM से 06:29 PM
सायाह्न सन्ध्या – 06:07 PM से 07:19 PM
द्विपुष्कर योग – 11:45 AM से 04:58 PM
निशिता मुहूर्त – 11:42 PM से 12:30 AM, 17 मार्च
अमृत सिद्धि योग – 06:06 AM से 11:45 AM
सर्वार्थ सिद्धि योग – 06:06 AM से 11:45 AM
होली भाई दूज की पूजा विधि
- भाई अपनी बहन के घर जाएं, जिससे दोनों को धन, यश, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- बहनें भाई को उचित आसन पर बैठाकर धूप-दीप से आरती उतारें।
- रोली और अक्षत से तिलक लगाएं, और फूलों की माला पहनाएं।
- भाई के पसंदीदा पकवान बनाकर उन्हें प्रेमपूर्वक भोजन कराएं।
- भाई को अपनी सामर्थ्य अनुसार बहन को उपहार (जैसे वस्त्र, आभूषण या धन) देना चाहिए।
होली भाई दूज का महत्व
- इस पर्व का उद्देश्य भाई-बहन के प्रेम को मजबूत करना है।
- इसे मनाने से भाई की उम्र लंबी होती है और वह सुख-समृद्धि को प्राप्त करता है।
- यह पर्व हमें परिवार के महत्व और रिश्तों की मिठास को बनाए रखने की सीख देता है।
- इस शुभ अवसर पर भाई-बहन एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं और रिश्ते को और मजबूत बनाते हैं।