जबलपुरमध्य प्रदेश

इतिहास लिखने वालों ने भुलाया जनजाति का बलिदान: शाह

जबलपुर में 8 घंटे रहे केन्द्रीय गृहमंत्री, कई कार्यक्रमों में लिया हिस्सा

जबलपुर। इतिहास लिखने वालों ने जनजाति के बलिदान की उपेक्षा की है। यही कारण है कि शंकरशाह-रघुनाथ शाह जैसे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों का उल्लेख तक नहीं है। उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता इसे हम हमेशा याद रखेंगे। मैं दोनों बलिदानियों के बलिदान से अंजान नहीं हूं। 16 दिन पिसनहारी की मढ़िया में रहकर इनके बारे में पढ़ा कि एक कविता के लिए पिता-पुत्र को तोप से बांधकर उड़ा दिया गया।

यह उद्गार व्यक्त किए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने, वे अमर शहीद राजा शंकर शाह रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर जबलपुर आए। यहां 8 घंटे के प्रवास में वे विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए। शाह के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आजादी के अमृत महोत्सव पर देश और धर्म की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वाले जनजातीय नायक अमर शहीद राजा शंकरशाह और उनके पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह के 164वें बलिदान दिवस पर आज मालगोदाम चौक पहुंचकर पिता-पुत्र की यहां स्थापित प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

जनजातीय समाज को अधिकार देने की प्रदेश सरकार ने की है शुरूआत- शाह

बलिदान दिवस पर शहर के गैरीसन ग्राउंड मे हुई सभा में गृहमंत्री शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में जनजातीय कल्याण की दिशा में बेहतर कार्य हुए हैं। केन्द्र सरकार के साथ राज्य सरकार ने जनजातियों के विकास के लिए अनेक योजनाएं बनाकर उन्हें मैदानी स्तर पर क्रियानवित किया है। मध्यप्रदेश में जनजातीय विकास के लिए पहले भी कार्य हुए हैं लेकिन आज शिवराज सिंह चैहान ने जनजातीय वर्ग को अधिकार देने की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य दोनों ही सरकारें जनजातीय विकास के लिए समर्पित सरकार हैं।

इन आयोजनों में हुए शरीक

शाह नगर प्रवास के दौरान संसदीय क्षेत्र के बूथ अध्यक्ष सम्मेलन में भी शामिल हुए। इसके अतिरिक्त वे नरसिंह मंदिर पहुंचे। तिलवारा में जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज के दर्शन करने पहुंचे। उज्ज्वला 2 के आयोजन मे पहुंचे। साथ ही प्रबुद्ध वर्ग को भी वेटरनरी कॉलेज परिसर में संबोधन दिया।

वन मंत्री को प्रवेश से रोका

प्रोटोकाल के तहत प्रदेश के वन मंत्री को प्रतिमा स्थल के मंच पर जाने से रोकने पर विजय शाह नाराज हो गए। उन्होंने दूर से ही शहीदों की प्रतिमा को प्रणाम किया और चले गए।

पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान सांसद तक को नहीं दिया 5 मिनट का समय- दिग्विजय

बलिदान दिवस आयोजन में कांग्रेस की ओर से पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान सांसद दिग्विजय सिंह ने पत्रकारवार्ता करकहा कि आदिवासी समाज के शोषण के खिलाफ मैंने 15 सितंबर को ही गृहमंत्री के नगर प्रवास में मिलने के लिए 5 मिनट का समय मांगा था जो नहीं दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश में आदिवासियों का शोषण कर रही है, उनकी जमीनें हड़पी जा रही हैं। इसके लिए उन्होंने पत्रकारवार्ता में पीड़ित आदिवासी परिवारों से अपनी बात भी रखवाई। वन मंत्री विजय शाह  को प्रवेश न मिलने पर उन्होंने कहा कि अब उन्हें या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या मुख्यमंत्री हटाओ मुहिम में जुट जाना चाहिए।

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