
चीन समेत दुनिया के कई देशों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर केंद्र सरकार भी अलर्ट पर है। इसी को लेकर बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक की। मीटिंग में देश में कोरोना की स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक के बाद डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा- कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ पर भारत हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
मंडाविया ने किया ट्वीट- कोरोना खत्म नहीं हुआ है…
बैठक के बाद मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर बताया कि, कुछ देशों में कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए एक्सपर्ट के साथ बैठक की। अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है। हमने सभी संबंधित लोगों को अलर्ट रहने और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दे दिए हैं। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
In view of the rising cases of #Covid19 in some countries, reviewed the situation with experts and officials today.
COVID is not over yet. I have directed all concerned to be alert and strengthen surveillance.
We are prepared to manage any situation. pic.twitter.com/DNEj2PmE2W
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) December 21, 2022
डॉ. पॉल: बूस्टर डोज जरूरी
बैठक के बाद नीति आयोग में डॉ. वीके पॉल ने कहा कि, कोरोना टीकों की तीसरी या ऐहतियाती खुराक अनिवार्य है। अभी केवल 27% आबादी ने ही बूस्टर डोज ली है, इसे सभी को लेना चाहिए। इसके साथ ही लोगों से भीड़भाड़ में मास्क लगाने की सिफारिश की। उन्होंने कहा कि, ये गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों और बुजुर्गों के लिए बेहद जरूरी है।
केंद्र ने शुरू की जिनोम सीक्वेंसिंग
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा। जिसमें कहा गया है कि, वे नए कोविड पॉजिटिव मरीजों का सैंपल INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium) जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजें, ताकि कोरोना के नए वैरिएंट का पता लगाया जा सके। अगर कोरोना का कोई नया वैरिएंट पनपता है तो उसे ट्रैक किया जा सके।
बता दें कि इस वक्त केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और INSACOG देश में कोरोना के ट्रेंड पर नजर रखे हुए हैं।
लगातार हो रही जीनोम सीक्वेंसिंग
अरोड़ा का कहना है कि हम लगातार जीनोम सीक्वेंसिंग कर रहे हैं। इससे कोरोना के नए वेरिएंट्स की पहचान समय रहते हो जएगी। इसके अलावा एयरपोर्ट पर भी सर्विलांस को बढ़ाने की जरूरत है, खासतौर पर उन लोगों की पहचान जरूरी है जो विदेश से लौट रहे हैं और उनमें कोरोना जैसे लक्षण हैं। अभी एयरपोर्ट्स पर ट्रैफिक बंद करने के मुद्दे पर सरकार की तरफ से कोई विचार नहीं किया गया है।
महामारी विशेषज्ञों ने किया चौंकाने वाला दावा
चीन में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। चीन में हालात इतने खराब हैं कि, अस्पतालों के बाहर लंबी लाइन लग रही हैं, मरीजों को बेड नहीं मिल रहे। दवाएं भी कम पड़ रही हैं। श्मशान में भी शवों की लाइन लगी हुई है। यहां पुलिस तैनात है। महामारी विशेषज्ञों ने दावा किया है कि, अगले 90 दिनों चीन की 60 फीसदी आबादी कोरोना की चपेट में होगी।
कोरोना से लड़ने के लिए भारत की पांच स्तरीय रणनीति
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत ने अब तक अपनी पांच स्तरीय रणनीति टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, टीका और कोविड के अनुसार व्यवहार की मदद से कोरोना का प्रसार रोकने में सफल रहा है। इस वक्त देश में हर सप्ताह कोरोना के करीब 1200 केस आ रहे हैं। इस वक्त दुनिया भर में हर सप्ताह कोरोना के 35 लाख मामले आ रहे हैं।
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण राजेश भूषण ने कहा कि, अन्य देशों में कोरोना मामलों की अचानक तेजी को देखते हुए भारत में कोरोना के सभी पॉजिटिव केसों का जिनोम सीक्वेंसिंग जरूरी है। ताकि नए वैरिएंट को ट्रैक किया जा सके।
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क्यों बढ़ रहा है संक्रमण ?
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि चीन के शहरों में कोरोना संक्रमण बढ़ने की वजह ओमिक्रॉन है। उनका कहना है कि ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट्स BA.5.2 और BF.7 तेजी से फैल रहे हैं। राजधानी बीजिंग BF.7 की चपेट में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने BF.7 को सबसे तेजी से फैलने वाला वायरस बताया है। इस वैरिएंट की वजह से बीजिंग में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। क्योंकि, हजारों लोग फीवर क्लीनिक के बाहर खड़े हैं, जिन्हें तुरंत इलाज की जरूरत है।
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