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हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स ने ट्रंप पर किया केस, अमेरिकी राष्ट्रपति ने फंड रोकने की दी थी धमकी, जाने पूरा मामला…

वॉशिंगटन डीसी। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के खिलाफ मैसाचुसेट्स की फेडरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में केस दायर किया है। यह मुकदमा ट्रंप प्रशासन द्वारा यूनिवर्सिटी को मिलने वाले संघीय फंड पर रोक की धमकी के विरोध में दायर किया गया है।

फंडिंग में कटौती का उद्देश्य आलोचना को दबाना

दो अलग-अलग ग्रुप्स में बंटे हार्वर्ड के प्रोफेसर्स ने अदालत में याचिका दाखिल करते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन का यह कदम अमेरिकी संविधान के पहले संशोधन का उल्लंघन है, जो नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है। उनका कहना है कि फंडिंग में कटौती का सीधा उद्देश्य आलोचना को दबाना और यूनिवर्सिटी की स्वतंत्र आवाज को खामोश करना है।

यूनिवर्सिटी पर एंटी-सेमिटिज्म रोकने में विफल रहने का आरोप

ट्रंप प्रशासन का कहना है कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी यहूदियों के खिलाफ नफरत और भेदभाव को रोकने में नाकाम रही है। प्रशासन ने यूनिवर्सिटी को एक चिट्ठी के जरिए कुछ सख्त शर्तें दी थीं, जिनका पालन न करने की स्थिति में 9 अरब डॉलर की संघीय फंडिंग पर रोक लगाने की धमकी दी गई।

फंड में कटौती का असर सीधा छात्रों पर

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को मिलने वाली यह फंडिंग रिसर्च, छात्रवृत्ति, मेडिकल और साइंस प्रोजेक्ट्स के लिए बेहद अहम है। प्रोफेसर्स का कहना है कि फंड में कटौती से छात्रों की पढ़ाई और वैज्ञानिक शोध पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

यूनिवर्सिटीज में फिलिस्तीन के समर्थन में हुए प्रदर्शन

गाजा पट्टी में इजराइल-हमास संघर्ष के खिलाफ अमेरिका भर की यूनिवर्सिटीज में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन हुए थे। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में भी छात्रों ने फिलिस्तीनी झंडा फहराया था, जिसे यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अपनी नीति के खिलाफ बताया। प्रदर्शन के दौरान 1,000 से अधिक छात्रों की गिरफ्तारी हुई।

कोलंबिया यूनिवर्सिटी को भी भुगतना पड़ा खामियाजा

हार्वर्ड के अलावा कोलंबिया यूनिवर्सिटी को भी ट्रंप प्रशासन के सख्त रुख का सामना करना पड़ा। प्रशासन ने यहूदियों के खिलाफ भेदभाव रोकने में असफल रहने के आरोप में यूनिवर्सिटी को मिलने वाली 400 मिलियन डॉलर (करीब 33 अरब रुपए) की फंडिंग रोक दी। जॉइंट टास्क फोर्स टु कॉम्बैट एंटी-सेमिटिज्म ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया, जिसमें शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग, न्याय विभाग और सामान्य सेवा प्रशासन शामिल थे।

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