
नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव और ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में अब देश की मीडिया के लिए भी कड़ा निर्देश जारी किया गया है। गृह मंत्रालय के नागरिक सुरक्षा निदेशालय ने शनिवार को सभी टीवी न्यूज और मनोरंजन चैनलों को यह सख्त सलाह दी है कि वे सामुदायिक जागरूकता अभियान के अलावा अपने कार्यक्रमों में हवाई हमले के सायरन (Air Raid Siren) की आवाज का इस्तेमाल करने से बचें।
सायरन का दुरुपयोग न करें
गृह मंत्रालय के नागरिक सुरक्षा निदेशालय ने सभी मीडिया चैनलों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे “सिविल डिफेंस एयर रेड सायरन” की ध्वनि का प्रयोग न्यूज या मनोरंजन के कार्यक्रमों में नहीं करें। अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड महानिदेशालय ने एक परामर्श में कहा कि नागरिक सुरक्षा अधिनियम, 1968 के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, सभी मीडिया चैनलों से अनुरोध किया जाता है कि वे समुदाय को जागरुक करने के अलावा अपने कार्यक्रमों में नागरिक सुरक्षा हवाई हमलों के सायरन की आवाज का इस्तेमाल करने से परहेज करें।
सायरन का असर अब मनोरंजन नहीं, सुरक्षा से जुड़ा मसला
परामर्श में कहा गया है कि सायरन के नियमित इस्तेमाल से हवाई हमलों के सायरन के प्रति नागरिकों की संवेदनशीलता कम हो सकती है और वास्तविक हवाई हमलों के दौरान इसका इस्तेमाल होने पर नागरिक इसे सामान्य मामला समझ सकते हैं। यह परामर्श भारत-पाकिस्तान में सैन्य टकराव बढ़ने के बीच जारी किया गया है। सरकार ने यह चिंता जताई है कि अगर सायरन जैसी संवेदनशील ध्वनियों का नियमित रूप से टीवी पर प्रयोग होता रहा तो नागरिकों की इस पर प्रतिक्रिया शिथिल हो सकती है।