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दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग बच्चियों का माता पिता की तरह लालन-पालन करेगी सरकार

सदमे से बचाने के लिए परामर्श और मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध होंगी

पुष्पेन्द्र सिंह-भोपाल। प्रदेश में दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग की परवरिश सरकार माता-पिता की तरह करेगी। उसके साथ साये की तरह पुलिस होगी तो सदमे से बचाने के लिए परामर्श और मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। केंद्र सरकार की जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से जोड़ते हुए पीड़ित बालिका और उसके नवजात शिशु को पीएम जन आरोग्य योजना के तहत पांच लाख रुपए प्रतिवर्ष की दर से स्वास्थ्य बीमा का कवर भी दिया जाएगा।

दरिंदों की हवस का शिकार नाबालिग को सरकारी तौर पर 18 वर्ष तक की आयु तक एक अलग स्थान दिया जाएगा। इसके अलावा 23 वर्ष तक उसकी देखभाल की जाएगी। गौरतलब है कि वर्तमान में प्रदेश में 137 बाल देखरेख संस्थाएं हैं, इनमें से 24 संस्थाएं ऐसी हैं जहां बालिकाओं को आश्रय दिया जाता है।

मप्र की 3,515 नाबालिग बच्चियां दुष्कर्म की शिकार

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में मप्र की 3,515 नाबालिग बच्चियां दुष्कर्म की शिकार हुईं। पीड़ित बच्चियों को सदमे से उबारने और उन्हें अच्छा माहौल उपलब्ध कराने के साथ सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाएगा। पीड़िता के साथ न्यायालय, अस्पताल, स्कूल या किसी अन्य स्थान पर आने-जाने के दौरान पुलिस साये की तरह साथ रहेगी। अगर, पीड़िता कोई व्यावसायिक प्रशिक्षण लेना चाहती है तो उसे वह भी प्रदान किया जाएगा।

बजट : केंद्र सरकार से मिलेगी शत-प्रतिशत राशि

पाक्सो एक्ट के तहत केंद्र सरकार ने निर्भया योजना का विस्तार किया है। इसके तहत हर जिले को दस लाख रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग के परवरिश में किसी प्रकार की समस्या नहीं आए। इसके अंतर्गत ही महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्लान तैयार किया है। विभाग को केंद्र सरकार से राशि मिलने की सहमति मिल गई है। जल्द ही अलग बैंक खाता खोला जाएगा जिससे केंद्रीय अंश मिल सके। इसके लिए वित्त विभाग से मंजूरी लेने के लिए प्रपोजल भेजा जा रहा है।

योजना के तहत ऐसे होगा काम

  • पीड़ित के बताए स्थान पर पुलिस लेगी बयान : पीड़ित नाबालिग का बयान उसकी पसंद की जगह पर एक महिला पुलिस अधिकारी द्वारा लिए जाएंगे। मिशन वात्सल्य के तहत स्पॉन्सरशिप देखभाल के लिए 23 वर्ष की आयु तक हर माह चार हजार रुपए दिए जाएंगे।
  • न्याय दिलाने के लिए सहायता : शिक्षा, पुलिस सहायता, चिकित्सा (जिसमें नवजात शिशु देखभाल भी शामिल हैं), कानूनी सहायता, मनोवैज्ञानिक, मानसिक स्वास्थ्य परामर्श के साथ संस्थाओं में रहने का स्थान मिलेगा।
  • 18 वर्ष तक देखभाल केंद्र में रखा जाएगा : नाबालिग अपने बच्चे को नामांकित विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण एजेंसी में तब तक रख सकती है, जब तक वह18 साल का न हो जाए।
  • बीमा कवर : एक ही छत के नीचे पीड़ित बालिका तथा उसके नवजात शिशु के लिए स्वास्थ्य बीमा कवर मिलेगा जिससे पीड़िता को सशक्त बनाते हुए न्याय दिलाया जा सके।
  • कलेक्टर करेंगे पहचान : हर जिला कलेक्टर को 10 लाख रुपए का फंड जारी किया जाएगा। कलेक्टर पीड़िता की पहचान करेंगे।

दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग का पूरा खयाल रखेगा विभाग

केंद्र सरकार की योजना के तहत दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग को सुरक्षा के साथ न्याय दिलाने के लिए सरकार की योजनाओं से जोड़ा जाएगा। हर जिले को दस लाख रुपए मिलेंगे। इसके लिए आगे की कार्रवाई चल रही है। -सूफिया फारुकी वली, आयुक्त, महिला एवं बाल विकास

और कड़े कानून बनने चाहिए

नाबालिग रेप पीड़िताओं के भरण पोषण के लिए सरकार जो प्रयास कर रही है, वह सराहनीय है। इससे उन्हें किसी के आसरे नहीं बैठना पड़ेगा पर दुष्कृत्य जैसा कुकर्म करने वाले आरोपियों के लिए और भी कड़ा कानून बनाना चाहिए जिससे ऐसी हैवानियत करने की किसी की हिम्मत न हो। -ओपी कुशवाहा, समाजसेवी सतना

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