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सांची की ब्रान्डिंग व मार्केटिंग अब दूसरे राज्यों में भी करेगी सरकार

सांची के मर्जर की अटकलों पर विराम, अमूल जैसा पॉपुलर बनाने की तैयारी

राजीव सोनी-भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार डेयरी प्रॉडक्ट के अपने प्रमुख ब्रांड सांची का मर्जर अमूल जैसे किसी दूसरे ब्रांड करने के बजाए उसके विस्तार की योजना पर काम कर रही है। दिल्ली व अन्य राज्यों में सांची दूध की एजेंसी दी जाएंगी। इसके लिए उच्च स्तर पर निर्णायक चर्चा हो चुकी है। पशुपालन एवं डेयरी विभाग जल्दी ही इस बारे में दिल्ली में सांची ब्रांड की जोर-शोर से मार्केटिंग भी करेगा। राज्य सरकार ने अपने दुग्ध उत्पादक किसानों की आय बढ़ाने के लिए गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ द्वारा संचालित अमूल डेयरी से सहयोग मांगा था। इस मुद्दे पर जनवरी में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और अधिकारियों की गुजरात में बैठकें भी हुई, लेकिन अमूल प्रबंधन की तरफ से कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिले।

मध्यप्रदेश में अभी स्थिति यह है कि किसानों द्वारा जितना दूध उत्पादन किया जाता है उसका करीब 50 फीसदी दूध की खरीदी सांची प्रबंधन करता है। हर दिन सांची द्वारा की जाने वाली दूध की खरीदी करीब 10 लाख लीटर है। दूसरे राज्यों में एजेंसी खुलने के बाद सांची किसानों से और अधिक दूध खरीदने लगेगा। अभी अमूल द्वारा प्रदेश के किसानों से करीब 4 लाख लीटर दूध खरीदा जा रहा है। प्रदेश में अभी दोनों ब्रांड एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी के बतौर काम कर रहे हैं।

अमूल ने मदद देने से खींच लिए हाथ, इसलिए बना प्लान

विभागीय सूत्रों का कहना है कि सांची को अपना प्रमुख प्रतिद्वंद्वी मानने के चलते ही अमूल ने उसे मदद देने के प्रस्ताव पर सहमति नहीं दी। इसके बाद ही सरकार ने सांची ब्रांड को अमूल की तरह मजबूत और दिल्ली सहित अन्य राज्यों में फैलाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया।

सांची: टर्न ओवर 2 हजार करोड़, अमूल: 17 हजार करोड़

राष्ट्रीय स्तर पर दुग्ध उत्पादन में मध्यप्रदेश का तीसरा स्थान है। प्रदेश में सांची का कुल वार्षिक टर्नओवर करीब 2 हजार करोड़ रुपए बताया गया है जबकि अमूल का कुल सालाना टर्नओवर 17 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है। मप्र में कुल 17 हजार 999 मीट्रिक टन दुग्ध उत्पादन है। प्रतिदिन प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्धता 591 ग्राम है। यह उपलब्धता राष्ट्रीय औसत प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 444 ग्राम से 147 ग्राम अधिक है।

सांची ब्रांड को ही आगे बढ़ाने का प्लान (लखन पटेल मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी)

  • सांची डेयरी के प्रोडक्ट्स को लेकर शासन की मंशा क्या है?
  • सरकार की प्राथमिकता दुग्ध उत्पादक किसानों की आय बढ़ाने की है।
  • अमूल के साथ सरकार की क्या बातचीत हुई ? 
  • हमने अमूल से सहयोग/एडवाइस का आग्रह किया है। बातचीत हुई है कोई निर्णय नहीं हुआ।
  • सांची दुग्ध संघ क्या घाटे में चल रहा है?
  • नहीं, हमारे कई यूनिट लाभ में हैं।
  • क्या सांची ब्रांड का अमूल में मर्जर का प्लान है?
  • ऐसा बिल्कुल नहीं है। हम अपने ब्रांड को ही आगे बढ़ाएंगे। दिल्ली सहित दूसरे राज्यों में भी एजेंसी देंगे, इसकी नीति बन रही है। जल्दी ही विज्ञापन भी जारी होंगे।

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