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दवा बनाने वाली 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस कैंसिल, MP की 23 कंपनियों पर हुई कार्रवाई; जानें क्या है कारण

नई दिल्ली। भारत सरकार ने मंगलवार को नकली और खराब क्वालिटी की दवाओं के निर्माण के लिए 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। इन कंपनियों को मैन्युफैक्चरिंग बंद करने को कहा गया है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 20 राज्यों की 76 कंपनियों का निरीक्षण किया था। जिसके बाद सरकार द्वारा लाइसेंस रद्द करने की यह कार्रवाई की गई है।

बताया जा रहा है कि इसमें मध्य प्रदेश 23 कंपनियों शामिल हैं। डीसीजीआई ने इन कंपनियों के अलावा करीब 26 फार्मा कंपनियों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। ये अभियान पिछले 15 दिनों से जारी है।

इन राज्यों में की गई कार्रवाई

बता दें कि जिन कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं उनमें हिमाचल प्रदेश की 70, मध्य प्रदेश की 23 और उत्तराखंड की 45 कंपनियां है। यह ऐसा पहला मौका नहीं है जब ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने फार्मा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की है। कुछ महीनों पहले भी हिमाचल और उत्तराखंड की कुछ फार्मा कंपनी का लाइसेंस रद्द किया गया था। इन दवाओं की लोगों तक ऑनलाइन डिलीवरी करने वाली दो कंपनियों को भी नोटिस जारी किया गया है।

गांबिया और उज्बेकिस्तान बच्चों की मौत हुई थी मौत

इससे पहले, पिछले साल गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत से कथित तौर पर भारत निर्मित कफ सिरप का कनेक्शन सामने आया था। उन पर मिलावटी दवा बनाने और बेचने का आरोप था। इस प्रकरण के बाद से भारतीय दवा कंपनियां सवालों के घेरे में आ गईं थी। दवा कंपनियों के खिलाफ सरकार की ओर से की जा रही ताजा कार्रवाई को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। सरकार दवाओं के निर्माण मामले में कोई भी ढिलाई नहीं बरतने के संकेत दिए हैं।

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