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विदेश जाने वाले सावधान! अब केंद्र को बताना होगा पर्सनल डाटा, जानें क्या है नए नियम

नई दिल्ली। 1 अप्रैल 2025 से  भारत सरकार विदेश जाने वालों से उनका निजी डाटा लेगी। इसमें यात्री कब, कहां और कैसे यात्रा कर रहे हैं। यात्रा करने का खर्च किसने और कैसे उठाया। कौन कब कितने बैग लेकर गया है और किस सीट पर बैठा है, ये सभी जानकारियां अब यात्रियों से ली जाएंगी। यात्रियों से लिया गया ये डेटा 5 साल तक स्टोर रहेगा। जरूरत पड़ने पर इसे लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियों के साथ भी साझा किया जा सकेगा। इसके लिए सभी एयरलाइंस को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

यात्रियों से ली जाएंगी ये जानकारीयां

‘यात्री नाम रिकॉर्ड सूचना विनियम 2022’ के मुताबिक एयरलाइंस को रवानगी  से 24 घंटे पहले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों का डेटा सीमा शुल्क अधिकारियों को देना होगा। इसमें यात्री  का नाम, बिलिंग, क्रेडिट कार्ड नंबर, टिकट जारी करने की तारीख, पीएनआर, इसी पीएनआर में यात्रा करने वाले अन्य यात्रियों का विवरण, ट्रैवेल एजेंसी और एजेंट की जानकारी, यात्री की ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, सामान की जानकारी सहित 19 जानकारियां देनी होंगी।

गोपनीय रहेगी यात्रियों की सभी जानकारी

10 जनवरी तक सभी एयरलाइंस को एनसीटीसी-पैक्स पोर्टल में अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। सरकार ने यह भी कहा कि एनसीटीसी-पैक्स पोर्टल में दी गई यात्रियों, केबिन क्रू और पायलट की जानकारी गोपनीय रहेगी। अधिकृत अधिकारी ही ये जानकारी ले सकेंगे। अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हिसाब से यह कदम उठाया गया है। इससे सीमा शुल्क विभाग के अधकारियों को मादक पदार्थों, सोने, हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी से निपटने में मदद मिलेगी।

उल्लंघन पर एयरलाइंस पर लगेगा जुर्माना

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा कि डेटा को एनसीटीसी-पैक्स के पास देना आवश्यक है। सीबीआईसी ने कहा कि सभी विमान ऑपरेटर को 10 जनवरी तक एनसीटीसी-पैक्स के साथ रजिस्ट्रेशन करना होगा। हर एयरलाइंस को फ्लाइट के उड़ान भरने से 24 घंटे पहले यात्री के नाम और रिकॉर्ड की जानकारी भेजनी होगी। उल्लंघन करने पर एयरलाइंस को 25,000 रुपये से 50,000 रुपये तक जुर्माना चुकाना पड़ सकता है।

 

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