उज्जैन। भगवान महाकाल की अल सुबह होने वाली अलौकिक भस्म आरती में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत शामिल हुए। आरती के बाद गर्भगृह के द्वार से माथा टेक कर आशीर्वाद लिया। नंदी हॉल में बैठकर ध्यान लगाया। उनके साथ गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्विजित राणे और दामोदर नाईक भी महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे। बता दें कि, मंदिर में देर रात से ही श्रद्धालु दर्शन के लिए कतार में लगे हुए थे। तड़के 2:30 बजे मंदिर के पट खोले गए और 3 बजे भस्म आरती शुरू हुई। वहीं आज बाबा महाकाल की शाही सवारी निकाली जाएगी।
गोवा के विकास के लिए की प्रार्थना
महाकाल के दर्शन करने के बाद गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, ‘बाबा से गोवा के आरोग्य, आयुष और विकास के लिए प्रार्थना की है। देश का जिस तरह से विकास हो रहा है बस उसी तरह से गोवा राज्य का भी विकास हो ऐसी ही प्रार्थना बाबा महाकाल से है।’ 25 अक्टूबर से 9 नवंबर तक होने वाले नेशनल गेम्स को सफल बनाने के लिए भी भगवान का आशीर्वाद लिया।
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ढोल नगाड़े और शंखनाद के साथ हुई भस्म आरती
उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में रोजाना देश की बड़ी हस्तियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। आज भी गोवा के मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों के साथ उज्जैन पहुंचे और भस्म आरती में शामिल हुए। तड़के 2:30 बजे मंदिर के पट खुले इसके बाद 3 बजे भस्म आरती शुरू हुई। इससे पहले भगवान महाकाल को जल से स्नान कराकर दूध, दही, शहद और फलों के रस से महा पंचामृत अभिषेक किया गया। इसके बाद भांग और चंदन से आकर्षक श्रृंगार कर भगवान को वस्त्र धारण कराए गए।
तत्पश्चात बाबा महाकाल को भस्म रमा कर ढोल नगाड़े और शंखनाद से भस्म आरती की गई। जिसमें गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत अपने परिवार और मंत्री विश्विजित राणे और दामोदर नाईक सहित हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। इस दौरान मंदिर समिति द्वारा सभी का महाकाल की तस्वीर और प्रसाद भेंट कर सम्मान किया गया।
शाही सवारी में शामिल होंगे केंद्रीय मंत्री सिंधिया
आज दोपहर 4 बजे बाबा महाकाल की शाही सवारी निकाली जाएगी। जिसके दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आज उज्जैन आएंगे और बाबा महाकाल की शाही सवारी में शामिल होकर रामघाट पर भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना करेंगे।
इन स्वरूपों में प्रजा को देंगे दर्शन
इस बार श्रवण अधिक मास होने के कारण आज भाद्रपद माह की दूसरी और दसवीं सवारी 11 सितंबर को शाही सवारी के रूप में निकलेगी। इस दौरान रजत पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, श्री घटाटोप मुखोटा, रथ पर श्री जटाशंकर, श्री रुद्रेश्वर स्वरूप, श्री चन्द्रशेखर स्वरूप व दसवीं सवारी में श्री सप्तधान का मुखारविंद सम्मिलित होंगे।
सशस्त्र पुलिस बल देंगे सलामी
शाही सवारी निकलने के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में विधिवत भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन होने के पश्चात अपनी प्रजा के हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर को सलामी देंगे।
इन मार्गों से गुजरेगी शाही सवारी
सवारी में पालकी अपने निर्धारित समय शाम 4 बजे से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षीबाजार चौराहा, कहार वाड़ी, हरसिद्धीपाल से रामघाट पहुंचेगी। रामघाट पर पूजन-अर्चन के बाद शाही सवारी रामानुजकोट, बंबई वाले की धर्मशाला, गणगौर दरवाजा, खाती समाज का जगदीश मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, कमरी मार्ग, टंकी चौराहा, तेलीवाडा, कंठाल, सतीमाता मंदिर, छत्री चौक, गोपाल मंदिर पर पहुंचेगी। जहां सिंधिया स्टेट द्वारा पररम्परानुसार पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन किया जाएगा। उसके बाद सवारी पटनी बाज़ार, गुदरी चौराहा, कोट मोहल्ला, महाकाल चौराहा होते हुए पालकी मंदिर परिसर में पहुंचेगी।
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