
गाजा। इजरायल और हमास के बीच लड़ाई और भी खतरनाक हो गई है। इजरायली हवाई हमलों से गाजा तबाह हो रहा है और अक्टूबर 2023 से अब तक 50,800 से ज्यादा फिलिस्तीन के लोग मारे गए हैं। हाल के हमलों में आम लोगों की जगहें भी निशाने पर आईं, जैसे खान यूनिस में एक दान की रसोई और एक क्लीनिक जिसे अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने सुरक्षित जगह बताया था। पिछले 24 घंटों में ही कम से कम 58 हमास के लोग मारे गए हैं और हजारों घायल हैं या मलबे के नीचे फंसे हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने की युद्ध की निंदा
संयुक्त राष्ट्र ने इस लगातार हिंसा की निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाजा को कत्लेआम की जगह बताया है। मदद करने वाली संस्थाओं का कहना है कि लोगों तक जरूरी सामान नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे बेघर हुए हमास के लोगों की परेशानी और बढ़ गई है। सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन ने तुरंत मदद फिर से शुरू करने और सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करने का आग्रह किया है। स्वास्थ्य का संकट बहुत बुरा है, गाजा के अस्पतालों में 1,15,000 से ज्यादा घायल लोग भरे पड़े हैं। सड़कों के टूटने और लगातार हवाई हमलों के कारण बचाव कार्य में मुश्किल आ रही है, जिससे कई पीड़ितों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है।
युद्ध का असर सिर्फ फिलिस्तीन तक नहीं
इस लड़ाई का असर आसपास के देशों पर भी पड़ रहा है, लेबनान के बालबेक और बेका घाटी में भी इजरायली हवाई हमले हुए हैं। जानकार चेतावनी दे रहे हैं कि इससे पूरे इलाके में अशांति फैल सकती है। दुनिया के देश इस पर तुरंत कोई बड़ा कदम नहीं उठा पाए हैं, हालांकि अब जवाबदेही तय करने की मांग बढ़ रही है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इजरायली नेताओं के खिलाफ चल रहे नरसंहार के मामले भी शामिल हैं।
आम नागरिक भी बने निशाना
इसके साथ ही, वेस्ट बैंक में भी हिंसा बढ़ गई है। 7 अप्रैल को, एक फिलिस्तीनी-अमेरिकी किशोर को इजरायली सैनिकों ने एक कथित आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के दौरान गोली मार दी। इस घटना की मानवाधिकार समूहों ने आलोचना की है और इससे अमेरिका और इजरायल के रिश्ते और खराब हो गए हैं।
युद्ध रोकने की मांग तेज
इंडोनेशिया और दूसरे देशों ने दो देशों के समाधान के लिए अपना समर्थन दोहराया है और उन प्रस्तावों को खारिज कर दिया है जिनसे हमास के लोगों को गाजा से हमेशा के लिए हटा दिया जाएगा। इस बीच, पहले बंधक बनाए गए लोगों ने हमास के कब्जे में बचे हुए लोगों को छुड़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कोशिशें जारी रखने की अपील की है। जैसे-जैसे लड़ाई तेज हो रही है, दुनिया के नेताओं पर और ज़्यादा लोगों की जान बचाने के लिए दबाव बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई, तो इस इलाके की स्थिति बेकाबू होते देर नहीं लगेगी।
गाजा का पुनर्निर्माण चाहते हैं ट्रंप
राष्ट्रपति बनने के बाद से ही ट्रंप इजरायल–फिलिस्तीन युद्धविराम को लेकर आश्वस्त दिखे थे। हालांकि, बाद में उनका समर्थन इजरायल की ओर एकतरफा निकला। उन्होंने गाजा को लेकर प्रस्ताव रखा कि वो गाजा छोड़ कर किसी और देश चले जाए, जिसके बाद गाजा को नए शहर के रूप में परिवर्तित किया जाए जो बहुत ही आधुनिक होगा। ऐसे में गाजा के लोग किस देश जाएंगे, इसे लेकर ट्रंप ने खाड़ी देशों का सुझाव दिया। इसे लेकर भी खाड़ी देश ट्रंप से नाराज नजर आए और उनके इस प्रस्ताव की आलोचना की।
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