
Sukhdev Singh Dhindsa Death। पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता सरदार सुखदेव सिंह ढींढसा का बुधवार को निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और उन्हें मोहाली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उन्होंने 89 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वे वृद्धावस्था से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित थे।
पंजाब के नेताओं ने जताया शोक
ढींढसा के निधन की खबर के बाद पंजाब की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई। अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने शोक जताते हुए ट्वीट किया, लिखा- “ढींढसा साहब के निधन से अत्यंत दुखी हूं। उन्होंने अकाली दल और पंजाब की सेवा में जो योगदान दिया, वह हमेशा याद रहेगा।”
वहीं, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा- “हमने एक महान सपूत को खो दिया है। उनका योगदान राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में अमूल्य रहा है।”
ढींढसा का राजनीतिक सफर
- सुखदेव सिंह ढींढसा का जन्म 9 अप्रैल 1936 को हुआ था।
- वे कई वर्षों तक शिरोमणि अकाली दल से जुड़े रहे और केंद्रीय मंत्री के पद पर भी आसीन रहे।
- बाद में उन्होंने शिअद (डेमोक्रेटिक) और शिअद (टकसाली) के साथ मिलकर एक नया दल बनाया था।
- वर्ष 2024 में उन्होंने अपनी पार्टी का दोबारा शिरोमणि अकाली दल में विलय कर लिया था।
पंजाब ने खोया एक सच्चा सेवक
ढींढसा न केवल एक वरिष्ठ राजनेता थे, बल्कि वह उन अंतिम नेताओं में से एक थे जिन्होंने पंजाब के राजनीतिक और सामाजिक इतिहास को करीब से देखा और प्रभावित किया। उनके निधन से एक युग का अंत हुआ है, जिसे भर पाना मुश्किल होगा।