हर साल 1 दिसंबर को AIDS (एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम) के बारे में जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। जो ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस (HIV) के कारण होता है। इस दिन को पीड़ित लोगों के साथ वैश्विक एकजुटता दिखाने और इस लाइलाज बीमारी से मरने वालों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। बता दें कि WHO ने सबसे पहले विश्व एड्स दिवस को वैश्विक स्तर पर मनाने की शुरुआत अगस्त 1987 में की थी।
किसी भी उम्र के व्यक्ति को HIV कर सकता है प्रभावित
शुरुआती दौर में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था जबकि HIV संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। इसके बाद साल 1996 में HIV/AIDS पर संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर इसके प्रचार और प्रसार का काम संभालते हुए साल 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत संचार, रोकथाम और शिक्षा पर काफी काम करना शुरू किया था।
वर्ल्ड एड्स डे का उद्देश्य
वर्ल्ड एड्स डे मनाने का उद्देश्य HIV संक्रमण की वजह से होने वाली महामारी एड्स के बारे में हर उम्र के लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाना है। एड्स आज के आधुनिक समय की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। यूनीसेफ की रिपोर्ट की मानें तो अब तक 37 मिलियन से ज्यादा लोग HIV के शिकार हो चुके हैं जबकि भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आकड़ों के अनुसार भारत में HIV के रोगियों की संख्या लगभग 3 मिलियन के आसपास है।
क्या होता है HIV AIDS ?
HIV एक प्रकार के जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है। इसे मेडिकल भाषा में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस यानि HIV के नाम से जाना जाता है। वहीं लोग इसे आम बोलचाल में एड्स यानी एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम के नाम से जानते हैं। इसमें जानलेवा इंफेक्शन व्यक्ति के शरीर के इम्यून सिस्टम पर हमला करता है। जिसकी वजह से शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने में सक्षम नहीं हो पाता।
विश्व एड्स दिवस 2021 की थीम
विश्व एड्स दिवस 2021 का थीम ‘असमानताओं को समाप्त करें, एड्स खत्म करें’ हैं। WHO का कहना है कि इस साल का मुख्य एजेंडा दुनिया भर में आवश्यक HIV सेवाओं तक पहुंच में बढ़ती असमानताओं को उजागर करना है। इसमें आगे कहा गया है कि विभाजन, असमानता और मानवाधिकारों की अवहेलना उन विफलताओं में से हैं जिन्होंने HIV को वैश्विक स्वास्थ्य संकट बनने और बने रहने दिया। WHO ये भी कहता है कि अब COVID-19 सेवाओं में असमानता और व्यवधान को बढ़ा रहा है। जिससे HIV ग्रस्ति कई लोगों का जीवन और ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है।