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प्रसिद्ध रंगकर्मी अलोक चटर्जी का निधन, लंबे समय से चल रहे थे बीमार; शरीर में फैल गया था इन्फेक्शन

भोपाल। प्रख्यात रंगकर्मी और मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के पूर्व निदेशक आलोक चटर्जी का निधन हो गया। उन्होंने आज तड़के तीन बजे एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। जानकारी के मुताबिक, आलोक चटर्जी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। आज दोपहर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

शरीर में फैल गया था इन्फेक्शन

आलोक चटर्जी के शरीर में इन्फेक्शन फैल गया था। इसके साथ ही उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके कारण उनका निधन हो गया।

कौन थे आलोक चटर्जी ?

भारतीय रंगमंच के इतिहास में आलोक चटर्जी का योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा है। आलोक चटर्जी राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के गोल्डमेडेलिस्ट थे। दोस्त नाम की नाट्य संस्था भी चलाते थे। भारत भवन के रंगमंडल में उन्होंने सालों काम किया। इसके साथ ही आलोक चटर्जी देश में अभिनय के बेहतरीन टीचर माने जाते थे।

संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित

अभिनय के प्रति आलोक चटर्जी के समर्पण और प्रतिभा की थिएटर जगत ने हमेशा सराहना की। एक्टर ने कई बड़े नाटकों में अपने अभिनय का जादू बिखेरा और दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। उनके योगदान के लिए उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

इरफान खान से थी गहरी दोस्ती

आलोक चटर्जी की हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता इरफान खान से भी गहरी दोस्ती थी। दोनों ने 1984 से 1987 तक नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एक साथ पढ़ाई की। दोनों ने तीन साल तक नाटकों में मुख्य भूमिका भी निभाई।

आलको चटर्जी के इन नाटकों को याद किया जाएगा

मध्य प्रदेश के दमोह में रहने वाले जाने-माने थिएटर आर्टिस्ट आलोक चटर्जी ने कई मशहूर नाटकों में हिस्सा लिया। उन्होंने विलियम शेक्सपियर के नाटक ‘ए मिड समर नाइट्स ड्रीम’ का निर्देशन किया था। इसके अलावा उन्होंने आर्थर मिलर के नाटक ‘डेथ ऑफ ए सेल्समैन’ का निर्देशन और अभिनय भी किया। विष्णु वामन शिरवाडकर के प्रसिद्ध नाटक ‘नट सम्राट’ में उनके अभिनय को काफी सराहा गया, जबकि उनके प्रमुख नाटकों में ‘शकुंतला की अंगूठी’, ‘स्वामी विवेकानंद’ और ‘अनकहे अफसाने’ शामिल हैं।

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