
दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह जिले में संचालित मिशन अस्पताल को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. मुकेश जैन ने तत्काल प्रभाव से बंद करने के आदेश जारी किए हैं। अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है और मरीजों को जिला अस्पताल में शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पताल पर 7 मरीजों की मौत के आरोप भी लगे हैं, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने यह कठोर कदम उठाया है।
31 मार्च तक था लाइसेंस
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश जैन ने बताया कि मिशन अस्पताल का लाइसेंस 31 मार्च 2025 तक वैध था, लेकिन लाइसेंस रिन्युअल के लिए प्रस्तुत आवेदन में कई कमियां पाई गई थीं। विभाग ने अस्पताल प्रबंधन को 7 दिन के भीतर कमियां दूर करने के निर्देश दिए थे, लेकिन निर्धारित समयावधि में मांगी गई जानकारियां और दस्तावेज जमा नहीं किए गए। इसके अलावा अस्पताल में लैब टेक्नीशियन और कार्डियोलॉजिस्ट जैसे महत्वपूर्ण मेडिकल स्टाफ की भी नियुक्ति नहीं पाई गई।
मरीजों को जिला अस्पताल में शिफ्ट करने के निर्देश
सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन ने कहा कि हमने मिशन अस्पताल को लाइसेंस निलंबित करते हुए तत्काल प्रभाव से बंद करने के आदेश दिए हैं। मरीजों को तीन दिन के भीतर जिला अस्पताल में शिफ्ट करने को कहा गया है। यदि अस्पताल प्रबंधन रजिस्ट्रेशन के लिए पुन: आवेदन करता है तो नियमों के तहत जांच के बाद ही लाइसेंस बहाल किया जाएगा। लेकिन तब तक उनका लाइसेंस निलंबित ही रहेगा और वह अस्पताल का संचालन नहीं कर पाएंगे।
7 मरीजों की मौत के आरोप
मिशन अस्पताल पर हाल ही में सात मरीजों की मौत के आरोप भी लगे थे। हालांकि प्रशासन की रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि मौतें किस वजह से हुईं, लेकिन लापरवाही के गंभीर आरोपों को देखते हुए यह सख्त कदम उठाया गया है।
दरअसल, यह अस्पताल 6 अप्रैल को उस समय चर्चा में आया था, जब पता चला कि यहां के एक डॉक्टर डॉ. नरेंद्र यादव लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एन जॉन केम के नाम पर ढाई महीने में 15 हार्ट की सर्जरी कर चुके हैं। आरोप है कि दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच हुए इन ऑपरेशनों में 7 मरीजों की मौत हो चुकी। उस समय सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन और डीएचओ डॉ. विक्रम चौहान ने जांच में दो मौतों की पुष्टि की थी। मामले का खुलासा होने के बाद आरोपी डॉ. नरेंद्र यादव फरार हो गया था। इसके बाद उसे प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया था।