भोपालमध्य प्रदेश

प्रदेश में साढ़े 3 महीने में 10 साल तक के 433 बच्चे मिले कोविड पॉजिटिव, इनमें भोपाल के 100

मध्यप्रदेश में भी 20 सितंबर से कक्षा पहली से पांचवीं तक के स्कूल खुल गए हैं। हालांकि 50 फीसदी बच्चों को ही कोरोना गाइडलाइन के साथ स्कूल बुलाया जा रहा है

विजय सिंह बघेल, भोपाल। ब्रिटेन में स्कूल खुलते ही कोरोना का खतरा बढ़ने लगा है। वहां 7 से 11 साल के हर 37 बच्चों में से एक बच्चा कोरोना संक्रमित मिल रहा है। इधर, मध्यप्रदेश में भी 20 सितंबर से कक्षा पहली से पांचवीं तक के स्कूल खुल गए हैं। हालांकि 50 फीसदी बच्चों को ही कोरोना गाइडलाइन के साथ स्कूल बुलाया जा रहा है, लेकिन छुट्टी के बाद जिस तरह से बच्चे आपस में घुल-मिल रहे हैं, उससे संक्रमण का खतरा बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के सार्थक पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार, दूसरी लहर गुजरने के बाद जून से अब तक (21 सितंबर) साढ़े तीन महीनों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कुल 17,385 मरीज सामने आए। इनमें से 10 साल तक की उम्र के 433 (2.4 प्रतिशत) बच्चे कोरोना संक्रमित हुए हैं, जबकि इस दौरान स्कूल बंद थे।

राहत: दूसरी लहर के बाद सिर्फ 1 बच्चे की मौत

सार्थक पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार, दूसरी लहर गुजरने के बाद जून से सितंबर तक सिर्फ एक बच्चे (2 साल) की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है। यह बच्चा टीकमगढ़ का रहने वाला था, जबकि मार्च 2020 से मई 2021 तक 14 साल तक के 19 बच्चों की कोरोना से मौत हुई थी।

1 जून से 21 सितंबर तक मिले संक्रमितों के आंकड़े

आयु वर्ग  मप्र  भोपाल
0 से 5 वर्ष 175 2
6 से 10 वर्ष 258 98
11 से 17 वर्ष 705 162
कुल  1138 262

तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों की राय…

जिस तरह से वैक्सीनेशन बढ़ रहा है और वक्त गुजर रहा है, उसके आधार पर कह सकते हैं कि तीसरी लहर की संभावना कम है। फिर भी थर्ड वेव आई, तो जरूरी नहीं कि अकेले बच्चे संक्रमित हों। दूसरी लहर में भी हजारों बच्चे संक्रमित हुए थे। लेकिन बच्चों में गंभीर संक्रमण और मृत्यु की संभावना कम होती है, क्योंकि उनकी इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग होती है। फिर भी हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा।
– डॉ. राजेश टिक्कस, सचिव, इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक्स, मप्र

 

ऐसा नहीं है कि तीसरी लहर का ज्यादा असर सिर्फ बच्चों पर ही होगा। संक्रमण का एक्सपोजर और वैक्सीनेशन की वजह से एंटीबॉडी का सीरो कन्वर्जन भी बढ़ा है। इस बार केस क्षेत्रवार बढ़ सकते हैं। अगर वायरस का म्यूटेशन हुआ, तो केस तेजी से बढ़ सकते हैं। हालांकि बच्चों में संक्रमण की सीवियरिटी कम रहने की उम्मीद है।
– डॉ. गिरीश भट्ट, एसोसिएट प्रोफेसर, पीडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट, एम्स भोपाल

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