ताजा खबरराष्ट्रीय

स्क्रीन के अधिक उपयोग से नींद नहीं आने का खतरा 60% तक बढ़ सकता है: अध्ययन

सोने से एक घंटे पहले स्क्रीन का इस्तेमाल करने से अनिद्रा का खतरा

नई दिल्ली। सोने से एक घंटे पहले स्क्रीन का इस्तेमाल करने से अनिद्रा का खतरा लगभग 60 प्रतिशत बढ़ सकता है और नींद का समय लगभग आधे घंटे कम हो सकता है। यह बात एक अध्ययन में सामने आई है। नॉर्वे में 18-28 वर्ष की उम्र के 45,000 से अधिक छात्रों से उनके सोने के समय और आदतों के बारे में सवाल किया गया। उसमें यह भी शामिल था कि वे सोने के बाद कितनी देर तक स्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं। इन छात्रों ने स्क्रीन के इस्तेमाल का उद्देश्य, फिल्में देखना या सोशल मीडिया देखना बताया। फ्रंटियर्स इन साइकियाट्री मैग्जीन में प्रकाशित अध्ययन के मुख्य लेखक और नॉर्वेजियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के गनहिल्ड जॉन्सन हेटलैंड ने कहा, स्क्रीन गतिविधि का प्रकार उतना मायने नहीं रखता जितना कि बिस्तर पर स्क्रीन का उपयोग करते हुए बिताया गया कुल समय।

नीली लाइट से खुद को बचाएं

  •  रात के लिए मंद लाल रोशनी का उपयोग करें। इससे सर्कैडियन साइकिल में बदलाव और मेलाटोनिन कम होने की आशंका कम होती है।
  • सोने से दो से तीन घंटे पहले से चमकदार स्क्रीन देखने से बचें। इससे नींद अच्छी आएगी।
  • आप रात की शिμट में काम करते हैं या रात में बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं, तो रात में नीली/हरी लाइट को फिल्टर करने वाले ऐप को इंस्टॉल करें या ब्लू-ब्लॉकिंग ग्लास पहनें।

संबंधित खबरें...

Back to top button