
भोपाल/इंदौर। मध्य प्रदेश में शराब कारोबार से जुड़े बड़े घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार सुबह बड़ा एक्शन लिया। ईडी की टीमों ने भोपाल, इंदौर, रीवा और मंदसौर में शराब कारोबारियों के ठिकानों पर एक साथ छापे मारे।
यह कार्रवाई आबकारी विभाग से जुड़े फर्जी एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) केस की जांच के तहत की जा रही है। ईडी सूत्रों के अनुसार, शराब कारोबारियों और आबकारी अफसरों की मिलीभगत से करोड़ों रुपए के गबन और मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका है।
भोपाल में सर्चिंग जारी
राजधानी भोपाल में भी एक बड़े शराब कारोबारी के ठिकाने पर सघन सर्चिंग चल रही है। ईडी की टीमों ने कारोबारी के दफ्तर और आवास पर छापेमारी कर दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
रीवा और मंदसौर में भी जांच
रीवा और मंदसौर जिलों में भी शराब कारोबार से जुड़े कुछ बड़े नामों के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। यहां भी ईडी दस्तावेजों की जांच कर रही है और लेन-देन से जुड़े बैंक खातों की पड़ताल कर रही है।
इंदौर में भी बड़े स्तर पर छापे
इंदौर में बसंत विहार कॉलोनी, तुलसी नगर और महालक्ष्मी नगर सहित कई इलाकों में शराब कारोबारियों के घरों और कार्यालयों पर छापे मारे गए।
सूत्रों के मुताबिक, यह छापेमारी फर्जी बैंक चालान और आबकारी विभाग में हुए घोटाले के आरोपों की जांच को लेकर की गई है। यह घोटाला सबसे पहले 2018 में उजागर हुआ था। आरोप है कि शराब कारोबारियों ने आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर करीब 100 करोड़ रुपए तक का घोटाला किया है।
कैसे हुआ घोटाला?
बताया जा रहा है कि 2015 से 2018 के बीच इंदौर जिला आबकारी कार्यालय में शराब गोदामों से शराब उठाने के लिए 194 फर्जी चालानों का इस्तेमाल किया गया। छोटे-छोटे ट्रेजरी चालान जमा कराकर बाद में उनमें लाखों रुपए जोड़ दिए गए और शराब के अधिक स्टॉक की हेराफेरी की गई। जांच में सामने आया कि चालानों में ‘रुपए शब्दों में’ लिखते समय जानबूझकर खाली स्थान छोड़ा जाता था, जिसे बाद में बड़ी रकम जोड़कर भर दिया जाता था। इस फर्जीवाड़े से सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया गया।
इन ठिकानों पर हुई छापेमारी
- एमजी रोड समूह : अविनाश और विजय श्रीवास्तव
- जीपीओ चौराहा समूह : राकेश जायसवाल
- तोपखाना समूह : योगेंद्र जायसवाल
- बायपास चौराहा देवगुराड़िया समूह : राहुल चौकसे
- गवली पलासिया समूह : सूर्यप्रकाश अरोरा
- गोपाल शिवहरे, लवकुश और प्रदीप जायसवाल
जांच में बड़े खुलासों की उम्मीद
सूत्रों के अनुसार, जब्त दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड्स की गहन जांच की जा रही है। शुरुआती जांच के बाद ईडी इस घोटाले में शामिल अन्य अधिकारियों और कारोबारियों के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकती है। माना जा रहा है कि इस घोटाले का दायरा और भी बड़ा हो सकता है।