
राहुल गांधी ने लगाए थे आरोप
राहुल ने 7 जून को एक आर्टिकल लिखा था। उन्होंने दावा किया था कि महाराष्ट्र चुनाव में मैच फिक्सिंग हुई, अब इसी तरह की फिक्सिंग बिहार चुनाव में भी होगी। वहीं राहुल गांधी ने शनिवार को X पर लिखा था कि ‘आप (चुनाव आयोग) एक संवैधानिक संस्था हैं। बिना साइन और टालमटोल वाले नोट जारी करके गंभीर सवालों के जवाब देने का तरीका सही नहीं है। अगर आपके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो मेरे सवालों के जवाब दें और इसे साबित करें।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
चुनाव आयोग ने कहा है कि राहुल गांधी एक तरफ कहते हैं कि उनके बताए मुद्दे गंभीर हैं, लेकिन जब उन्हें चुनाव आयोग को लेटर लिखने की बात आती है, तो वे कतराते हैं। आयोग के अनुसार, प्रक्रिया के अनुसार कोई भी संवैधानिक संस्था औपचारिक रूप से तभी जवाब दे सकती है, जब राहुल गांधी लेटर लिखेंगे।
राहुल गांधी के आरोपों पर सवाल
चुनाव आयोग के सूत्र ने कहा कि देश भर में आयोग के 10.5 लाख बूथ लेवल अधिकारी, 50 लाख मतदान अधिकारी और 1 लाख मतगणना पर्यवेक्षक भी राहुल गांधी की तरफ से लगाए जा रहे आरोपों से निराश हैं। आरोप कर्मचारियों की ईमानदारी और कड़ी मेहनत पर सवाल उठाते हैं।
सीसीटीवी फुटेज की मांग पर जवाब
सीसीटीवी फुटेज की मांग पर चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज की जांच हाईकोर्ट कर सकता है, ताकि मतदाताओं की गोपनीयता बनाए रखी जा सके। आयोग ने पूछा कि राहुल गांधी खुद या अपने एजेंटों के जरिए इस गोपनीयता का अतिक्रमण क्यों करना चाहते हैं।
चुनाव आयोग का राहुल गांधी को जवाब
चुनाव आयोग ने एक दिन पहले ही राहुल गांधी को जवाब दिया था कि कोई भी गलत सूचना फैलाने से उन हजारों प्रतिनिधियों की बदनामी होती है, जिन्हें राजनीतिक पार्टियां चुनाव के दौरान तैनात करती हैं। आयोग ने कहा कि चुनाव की पूरी प्रक्रिया सरकारी कर्मचारी करते हैं, जिसमें राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों की तरफ से नियुक्त प्रतिनिधियों की मौजूदगी होती है। इसलिए चुनाव आयोग को बदनाम करने की कोशिश करना बेतुका है ¹।
ये भी पढ़ें- हनीमून मर्डर केस :- होटल मैनेजर बोला – दोनों अपना लगेज रख चले गए थे, तो राजा के शव के पास फिर कैसे मिले बैग ?