
अजरबैजान में आयोजित आर्थिक सहयोग संगठन (ECO) शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत पहलगाम आतंकी हमले का ‘गलत फायदा’ उठाकर पाकिस्तान को निशाना बना रहा है। उनके मुताबिक, यह रवैया “गैर‑जिम्मेदाराना और खतरनाक” है तथा दक्षिण एशिया में स्थिरता को नुकसान पहुंचा सकता है।
कश्मीर मुद्दे पर फिर उठाई आवाज
शरीफ ने अपने भाषण में कश्मीर का जिक्र करते हुए दावा किया कि “भारत‑शासित कश्मीर” में आम लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने इन घटनाओं को अमानवीय बताते हुए अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से ध्यान देने की अपील की।
22 अप्रैल का पहलगाम आतंकी हमला
स्थान : बैसारन घाटी, पहलगाम
हानि : 25 पर्यटक और एक स्थानीय निवासी मारे गए
जिम्मेदारी : ‘द रेज़िस्टेंस फ्रंट’ (TRF), जो लश्कर‑ए‑तैयबा से जुड़ा माना जाता है
भारत ने इस हमले के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया क्योंकि हमलावरों को पाकिस्तानी सरहद से समर्थन मिलने का आरोप है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और बढ़ता तनाव
हमले के कुछ ही दिन बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया और पाकिस्तान के भीतर नौ आतंकी ठिकाने ध्वस्त करने का दावा किया। इसके जवाब में सीमा पार ड्रोन और मिसाइल हमले हुए, जिनका भारत ने “मुंहतोड़ जवाब” दिया। तनाव 10 मई को उस वक्त थमा जब अमेरिका की मध्यस्थता से दोनो देशों ने संघर्ष‑विराम पर सहमति जताई।
शरीफ ने गजा और ईरान पर भी जताई चिंता
अपने संबोधन में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने ग़ज़ा और ईरान में “निर्दोष लोगों पर हो रहे हमलों” की भी निंदा की और कहा कि मानवाधिकारों के उल्लंघन को किसी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
हिंदुस्तान‑पाक तनाव पर क्या आगे होगा?
ECO मंच से आई ये तल्ख़ टिप्पणियाँ स्पष्ट संकेत देती हैं कि कश्मीर और सीमा‑पार आतंकवाद पर मतभेद फिलहाल बने रहेंगे। हालांकि संघर्ष‑विराम लागू है, लेकिन दोनों पक्षों की सख़्त बयानबाज़ी बताती है कि भरोसे का पुल अभी मजबूत होना बाकी है।