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व्हाइट हाउस में ट्रंप और अफ्रीकी प्रेसिडेंट की तीखी बहस, रामफोसा बोले- हमारे पास गिफ्ट देने के लिए लग्जरी प्लेन नहीं

न्यूयॉर्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के बीच वॉशिंगटन डीसी में 21 मई को एक अहम मुलाकात हुई। इस दौरान व्हाइट हाउस में दोनों के बीच तीखी बहस हुई। ये मुलाकात उस वक्त विवाद का रूप ले बैठी जब ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका में श्वेत किसानों पर अत्याचार और उनकी हत्या का मुद्दा उठाया। बैठक के दौरान मीडिया की मौजूदगी में दोनों नेताओं के बीच नस्लवाद, जमीन अधिग्रहण और अंतरराष्ट्रीय सहायता को लेकर तीखी बहस हुई।

मीटिंग की शुरुआत दोस्ताना, लेकिन अचानक बढ़ा तनाव

ओवल ऑफिस में शुरू हुई यह बैठक पहले तो दोस्ताना माहौल में आगे बढ़ी। दोनों नेताओं ने गोल्फ जैसे हल्के-फुल्के मुद्दों पर बातचीत की और अफ्रीका में खेल प्रतिभा की तारीफ की। लेकिन जैसे ही ट्रेड पर बात होने लगी, ट्रंप ने अचानक अपने स्टाफ से लाइट बंद कर वीडियो चलाने को कहा। इस अप्रत्याशित कदम से रामफोसा हैरान रह गए।

वीडियो दिखाकर ट्रंप बोले- यह नरसंहार है

ट्रंप ने जिस वीडियो को दिखाया उसमें दावा किया गया था कि दक्षिण अफ्रीका में हजारों श्वेत किसानों की हत्या कर दी गई है। ट्रंप ने इसे “सबूत” बताते हुए जोर देकर कहा कि यह एक सुनियोजित नरसंहार है। उन्होंने रामफोसा को मीडिया रिपोर्ट्स और फोटो की कॉपियां भी दिखाई जिनमें श्वेत लोगों पर हमलों का जिक्र था। इस दौरान ट्रंप ने बार-बार “डेथ… डेथ…” कहकर माहौल को तनावपूर्ण बना दिया।

रामफोसा का जवाब- हमारे देश में सभी जातियां पीड़ित

ट्रंप के आरोपों का जवाब देते हुए राष्ट्रपति रामफोसा ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में हिंसा जरूर बढ़ी है लेकिन इसका शिकार केवल श्वेत नहीं, बल्कि अश्वेत और अन्य जातियों के लोग भी हुए हैं। उन्होंने कहा, “हमारे यहां अपराध है, लेकिन यह रंगभेद आधारित नहीं है। वीडियो की प्रामाणिकता की हम जांच करवाएंगे।”

रामफोसा ने किया ट्रंप के प्लेन गिफ्ट पर तंज

बातचीत के दौरान माहौल को हल्का करने की कोशिश में रामफोसा ने ट्रंप पर तंज कसते हुए कहा, “मुझे खेद है कि मेरे पास आपको देने के लिए कोई प्लेन नहीं है।” यह टिप्पणी कतर सरकार की ओर से ट्रंप को गिफ्ट किए गए 3400 करोड़ के लग्जरी प्लेन को लेकर थी। इस पर ट्रंप ने भी मुस्कराते हुए जवाब दिया, “काश आपके पास होता, तो मैं ले लेता।”

जमीन अधिग्रहण कानून बना बहस की जड़

ट्रंप की नाराजगी की एक बड़ी वजह दक्षिण अफ्रीका का नया जमीन अधिग्रहण कानून भी है, जिसे राष्ट्रपति रामफोसा ने अक्टूबर 2024 में साइन किया था। इस कानून के तहत सरकार सार्वजनिक जरूरतों के लिए बिना मुआवजा दिए जमीन अधिग्रहित कर सकती है। ट्रंप और टेस्ला प्रमुख एलन मस्क ने इस कानून का विरोध करते हुए इसे “श्वेतों के खिलाफ अन्याय” बताया था।

दक्षिण अफ्रीका को दी जाने वाली आर्थिक मदद पर रोक

इस विवाद के चलते ट्रंप ने फरवरी 2025 में दक्षिण अफ्रीका को हर साल दी जाने वाली 440 मिलियन डॉलर की सहायता रोकने का फैसला किया। इसके साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी दक्षिण अफ्रीका की नीतियों की आलोचना की और जी20 सम्मेलन में हिस्सा न लेने की घोषणा की।

व्हाइट हाउस में दूसरी बार हुआ ऐसा टकराव

20 जनवरी 2025 को दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप की यह दूसरी बड़ी सार्वजनिक बहस है। इससे पहले 28 फरवरी को उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से यूक्रेन युद्ध को लेकर व्हाइट हाउस में इसी तरह की तीखी बहस की थी।

हमारी सरकार मंडेला के सिद्धांतों पर चलती है : रामफोसा

बातचीत के अंत में रामफोसा ने नेल्सन मंडेला का हवाला देते हुए कहा, “हमारा मकसद देश में एकता और शांति बनाए रखना है। हम किसी जाति विशेष को टारगेट नहीं कर रहे, बल्कि सबके अधिकारों की रक्षा कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के संबंधों को मजबूत बनाना उनकी यात्रा का मकसद था, लेकिन इस तरह की बहस से उस दिशा में मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।

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