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ध्रुवों पर बर्फ पिघलने से बढ़ रहा है दिन का समय : स्टडी

धरती की गति पर भी पड़ रहा है ग्लोबल वार्मिंग का असर

सैन जोस। दुनिया लगातार गर्म हो रही है। ध्रुवों पर जमा बर्फ तेजी से पिघल रही है। इससे सिर्फ समुद्र का जलस्तर ही नहीं बढ़ रहा बल्कि हमारे दिनभर का समय भी बदल रहा है। इससे पूरे साल का समय बदल रहा है। दिन भर का समय कुछ सेकेंड्स में बदले तो इंसानों को पता नहीं चलता। लेकिन इनकी गणना करने वाली बेहद सटीक 450 एटॉमिक घड़ियों को इसका पता चलता है। ये घड़ियां दुनिया में समय को संतुलित करने के लिए बनाई गई हैं। जिसे कॉर्डिनेटेड यूनिवर्सल टाइम यूटीसी कहा गया है। जिसे पहली बार 1969 में परिभाषित किया गया था। धरती पर समय की गणना का पारंपरिक तरीका है पृथ्वी के रोटेशन पर नजर रखना। लेकिन धरती के घुमाव में भी अंतर आता है। इसलिए 1972 से सही समय जानने के लिए टाइम स्टैंडर्ड में 27 लीप सेकेंड्स जोड़ने का प्रबंध किया गया। लेकिन पिघलते बर्फ से दिन का समय बढ़ रहा है। ये हैरान करने वाला है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के जियोलॉजिस्ट डंकन एगन्यू ने कहा कि ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में लगातार बर्फ पिघल रही है। इसकी वजह है ग्लोबल वॉर्मिंग यानी बढ़ता हुआ तापमान। इससे धरती की गति पर असर पड़ रहा है।

एटॉमिक क्लॉक में लीप सेकेंड बढ़ाने-घटाने पर आएंगी मुश्किलें

एटॉमिक क्लॉक में लीप सेकेंड को बढ़ाने या घटाने पर सबसे बड़ी दिक्कत ये आती है कि नेटवर्क कंप्यूटिंग और फाइनेंशियल मार्केट को अपग्रेड करना होता है। ताकि वह कॉर्डिनेटेड यूनिवर्सल टाईम (यूटीसी) के हिसाब से काम कर सकें। उन्हें सटीक और स्टैंडर्ड बनाना होगा। क्योंकि निगेटिव लीप सेकेंड इससे पहले कभी ट्राई नहीं किया गया। मौसम विज्ञानी पैट्रिजिया टावेला ने कहा कि निगेटिव लीप सेकेंड कभी नहीं जोड़ा गया। न ही इसका कोई टेस्ट हुआ है। इसलिए यह सही से नहीं पता है कि इससे किस तरह की दिक्कतें आएंगी। उसे किस तरह से ठीक किया जाएगा। लेकिन जियोलॉजिस्ट डंकन एगन्यू कहते हैं कि इससे होने वाली देरी का भी स्वागत करना चाहिए। इससे पृथ्वी बचेगी।

एंग्यूलर वेलोसिटी हो रही है कम :

एगन्यू ने अपनी यह रिपोर्ट नेचर जर्नल में प्रकाशित कराई है, जिसमें बताया गया है कि पिघलती हुई बर्फ धरती की एंग्युलर वेलोसिटी को कम कर रहा है। इसलिए अब निगेटिव लीप सेकेंड की जरूरत है। या फिर एक सेकेंड छोड़कर दूसरे सेकेंड को जोड़ने की। वैज्ञानिकों को अब यह तीन साल बाद करना होगा, जबकि यह इससे पहले होना चाहिए था।

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