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मुरैना : गांव में मगरमच्छ घुसने से ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग ने चंबल नदी में छोड़ा

मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में लगातार हो रही बारिश और चंबल नदी के जलस्तर में वृद्धि के चलते जलीय जीवों का गांवों की ओर रुख बढ़ता जा रहा है। शनिवार को चुसलाई और सुखध्यान का पुरा गांव में दो अलग-अलग स्थानों पर वयस्क मगरमच्छों की एंट्री से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया।

11 फीट लंबा मगरमच्छ पहुंचा चुसलाई गांव

चंबल नदी के किनारे बसे चुसलाई गांव में एक 11 फीट लंबा और लगभग 3 क्विंटल वजनी मगरमच्छ आ पहुंचा। ग्रामीणों की सूचना पर देवरी घड़ियाल अभ्यारण्य केंद्र से वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और लगभग 8 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मगरमच्छ को पकड़ने में सफलता पाई। इसके बाद उसे वापस चंबल नदी में सुरक्षित छोड़ दिया गया।

सुखध्यान का पुरा गांव में सुबह 5 बजे नजर आया मगरमच्छ

अंबाह क्षेत्र के सुखध्यान का पुरा गांव में शनिवार सुबह करीब 5 बजे ग्रामीणों को बीहड़ की ओर एक बड़ी आकृति नजर आई। पास जाकर देखने पर जब उसमें हरकत हुई तो ग्रामीण समझ गए कि यह एक बड़ा मगरमच्छ है। यह मगरमच्छ करीब 10 फीट लंबा और वयस्क था, जिसे काबू में करना आसान नहीं था।

ग्रामीणों ने की सूझबूझ की मिसाल, वन विभाग ने 5 घंटे में पकड़ा

ग्रामीणों ने खुद से मगरमच्छ को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे। तुरंत वन विभाग को सूचना दी गई। रेंजर वीर कुमार टिकरी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम ने करीब 5 घंटे की मशक्कत के बाद मगरमच्छ को रस्सियों और लकड़ी के सहारे काबू किया। उसकी आंखों पर कपड़ा डालकर सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।

भोजन की तलाश में चंबल से पहुंच रहे जलीय जीव

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मानसून के समय चंबल का जलस्तर बढ़ने के कारण जलीय जीव अक्सर भोजन की तलाश में नदी से बाहर निकलकर तालाबों और गांवों तक पहुंच जाते हैं।

वन विभाग की अपील: शांति बनाए रखें, दूरी बनाए रखें

रेंजर वीर कुमार ने ग्रामीणों से अपील की कि ऐसे खतरनाक जलीय जीवों को देखकर घबराएं नहीं, उनसे दूरी बनाए रखें और वन विभाग को सूचित करें। समय पर रेस्क्यू करके इन्हें उनके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ना ही प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए जरूरी है।

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