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देशद्रोही वाले बयान पर कोर्ट सख्त, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को कोर्ट का समन, 20 मई को पेश होने के आदेश

शहडोल जिला न्यायालय ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को देशद्रोही वाले बयान को लेकर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उन्हें 20 मई 2025 को सुबह 11 बजे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, यह मामला 27 जनवरी 2025 को महाकुंभ में दिए गए उस बयान से जुड़ा है, जिसमें धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था- ‘महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए, जो नहीं आएगा वह पछताएगा और देशद्रोही कहलाएगा।’

इस बयान के खिलाफ शहडोल के वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप कुमार तिवारी ने 3 मार्च 2025 को जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया था। जिस पर सुनवाई करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट सीताशरण यादव की अदालत ने नोटिस जारी किया है।

देश सेवा कर रहे लोगों को क्या देशद्रोही कहा जा सकता है?

एडवोकेट संदीप तिवारी ने कहा कि यह बयान न केवल संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना के विरुद्ध है, बल्कि देशवासियों को भावनात्मक रूप से बांटने वाला और भड़काऊ है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर कोई सैनिक, डॉक्टर, पुलिसकर्मी या अन्य नागरिक जो अपने कर्तव्यों में व्यस्त होकर कुंभ में नहीं आ पाए – क्या उन्हें देशद्रोही कहा जा सकता है?

तिवारी ने यह भी तर्क दिया कि सोशल मीडिया पर की गई किसी अमर्यादित टिप्पणी पर एफआईआर हो सकती है, तो फिर सार्वजनिक मंच से दिए गए भड़काऊ बयानों पर कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं?

पहले पुलिस से शिकायत, फिर कोर्ट का रुख

एडवोकेट तिवारी ने सबसे पहले 4 फरवरी 2025 को सोहागपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, तब उन्होंने पुलिस अधीक्षक को भी पत्र लिखा। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष 3 मार्च को परिवाद प्रस्तुत किया। परिवाद में धीरेंद्र शास्त्री पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई है। अब इस प्रकरण में कोर्ट ने पंडित शास्त्री को नोटिस भेजकर व्यक्तिगत उपस्थिति अनिवार्य कर दी है।

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