
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का राष्ट्रीय अधिवेशन इस समय गुजरात में चल रहा है। इस अधिवेशन के बाद मध्य प्रदेश के दो बड़े नेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है। जानकारी के मुताबिक इनमें पहला नाम पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का है, जबकि दूसरा नाम पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव का है। इन दोनों नेताओं को विभिन्न राजनीतिक समीकरणों के तहत अहम पदों की जिम्मेदारी दी जा सकती है, जिससे मध्यप्रदेश कांग्रेस का राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक प्रभाव हो सकता है।
मप्र कांग्रेस का दबदबा मजबूत होगा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव को राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी मिलने से मध्यप्रदेश कांग्रेस का दबदबा और मजबूत हो सकता है। यादव को ओबीसी और यादव समाज से संबंधित होने के कारण एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है। इन दोनों नेताओं की नियुक्ति से कांग्रेस के राष्ट्रीय मंच पर मध्यप्रदेश का प्रभाव और बढ़ सकता है।
अन्य नेताओं को भी मिल रही है राष्ट्रीय जिम्मेदारी
इससे पहले मप्र से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव और ईवीएस से जुड़े काम की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है। इसके अतिरिक्त, पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन को तेलंगाना का प्रभार सौंपा गया। पूर्व विधायक कमलेश्वर पटेल और विधायक ओंकार सिंह मरकाम कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य हैं। इसके अलावा कुणाल चौधरी, भूपेंद्र मरावी, मनोज चौहान, सत्यनारायण पटेल और नीलांशु चतुर्वेदी को राष्ट्रीय सचिव के रूप में जिम्मेदारी दी गई है। विधायक विक्रांत भूरिया आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। जानकार बताते हैं कि मप्र कांग्रेस को राष्ट्रीय स्तर पर लगातार तवज्जो दी जा रही है और इसीलिए एक के बाद एक नेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी दी जा रही है।
पायलट प्रोजेक्ट में मध्य प्रदेश की भागीदारी
एआईसीसी द्वारा प्रदेश को दी जा रही तवज्जो का एक और उदाहरण सामने आया है, जिसमें मध्यप्रदेश को गुजरात के साथ पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत शहरों के मोहल्लों और पंचायतों को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने इस काम को लेकर मध्य प्रदेश की 230 में से लगभग 180 विधानसभा क्षेत्रों में दौरे किए हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन का समापन बुधवार को
कांग्रेस का यह राष्ट्रीय अधिवेशन बुधवार को समाप्त होगा और इसके बाद मप्र के नेताओं को दी जा रही संभावित जिम्मेदारियों पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।
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