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कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को पार्टी से 6 साल के लिए बाहर निकाला, अनुशासनहीनता का लगाया आरोप; खड़गे ने दी प्रस्ताव को मंजूरी

नई दिल्ली। कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कांग्रेस ने शनिवार को अपने वरिष्ठ नेता और आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णम को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। आचार्य ने हाल ही में पीएम मोदी से मुलाकात की थी और उनकी जमकर तारीफ की थी। साथ ही अन्य कैबिनेट मंत्रियों से भी मुलाकात की थी।

आचार्य कांग्रेस पर ही थे हमलावर

बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णम लंबे समय से कांग्रेस पर ही हमलावर थे। वह अपनी ही पार्टी के नेताओं को निशाने पर ले रहे थे। वहीं कांग्रेस की टिकट पर लखनऊ सीट से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने वाले प्रमोद कृष्णम को लेकर पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वो जल्द ही कांग्रेस से अपनी राह अलग कर सकते हैं। उन्होंने हाल ही में कहा था कि कांग्रेस में कुछ बड़े नेता ऐसे हैं, जिन्हें हिंदू शब्द से ही नफरत है। कुछ कांग्रेसी ऐसे नेता हैं, जिन्हें राम मंदिर से ही नहीं, बल्कि भगवान राम से भी नफरत है।

यूपी कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को खड़गे ने दी मंजूरी

कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा कि अनुशासनहीनता और बार-बार पार्टी विरोधी टिप्पणियों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रमोद कृष्णम को तत्काल प्रभाव से 6 साल की अवधि के लिए पार्टी से निष्कासित करने के उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

प्रधानमंत्री को किया आमंत्रित

इधर, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने 19 फरवरी को संभल में कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास करने के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया। आचार्य प्रमोद कृष्णम हाल ही में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वह अक्सर कांग्रेस की आधिकारिक लाइन से इतर अपने वक्तव्य के लिए जाने जाते हैं।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने हाल ही में पीएम मोदी से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने कहा था कि वह राहुल गांधी से मिलने के लिए 1 साल से समय मांग रहे हैं, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई है। जबकि पीएमओ में फोन करने के 4 दिन बाद ही पीएम मोदी ने मिलने का समय दे दिया

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