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एक अप्रैल से बिजली की नई दरें बढ़ने को लेकर असमंजस, फिलहाल राहत

अमूमन एक सप्ताह पहले जारी होती हैं दरें, 25 मार्च तक जारी नहीं हो सका वित्तीय वर्ष 2025-26 का बिजली टैरिफ

संतोष चौधरी-भोपाल। मध्यप्रदेश में एक अप्रैल से बिजली की नई दरों के लागू होने को लेकर फिलहाल असमंजस है। मप्र विद्युत नियामक आयोग ने अभी तक वित्तीय वर्ष 2025-26 का बिजली टैरिफ जारी नहीं किया है। टैरिफ घोषित करने के बाद नई दरें लागू होंगी, तब तक उपभोक्ताओं को राहत रहेगी। नई दरें लागू होने से एक सप्ताह पहले टैरिफ जारी करना अनिवार्य होता है।

बीते वर्ष 6 मार्च को टैरिफ जारी हुआ था, इसके चलते दरें एक अप्रैल से लागू की गई थीं। तब यह दरें 0.07 फीसदी बढ़ाई गई थी। नए बिजली टैरिफ पिटीशन को लेकर फरवरी माह में 70 आपत्तियों पर ऑनलाइन जनसुनवाई हुई थी। मालूम हो कि प्रस्तावित टैरिफ में कंपनियों ने 4,107 करोड़ रुपए के घाटे की भरपाई उपभोक्ताओं से करने के लिए दरों में 7.52 प्रतिशत की औसत वृद्धि करने का प्रस्ताव दिया गया था।

एक सप्ताह पहले जारी करना होता है टैरिफ

सूत्रों ने बताया कि बिजली की नई दरें लागू करने से एक सप्ताह पहले टैरिफ जारी करना होता है। इस बार 25 मार्च तक टैरिफ जारी नहीं किया गया है। इससे माना जा रहा है कि उपभोक्ताओं को अघोषित राहत मिली है कि एक अप्रैल से नहीं दरें लागू नहीं होगी। इधर, मप्र नियामक आयोग में पदस्थ रहे एक अधिकारी का कहना है कि आमतौर पर यह प्रावधान है कि एक सप्ताह पहले टैरिफ जारी होना चाहिए। लेकिन आयोग टैरिफ जारी करने के साथ तीन दिन के नोटिस पर नई दरें लागू करने का आदेश जारी कर सकता है।

तीन माह से चेयरमैन का पद रिक्त

आयोग के चेयरमैन का पद 3 माह से रिक्त चल रहा है। चेयरमैन एसपीएस परिहार का कार्यकाल 2 जनवरी को रिक्त हो गया है। इस पद के लिए सरकार आवेदन मंगा चुकी है, लेकिन अभी तक किसी की नियुक्ति इस पद पर नहीं हुई है।

चेयरमैन का होना अनिवार्य नहीं

जानकारों ने बताया, यदि कोरम पूरा है, तो टैरिफ जारी करने के लिए चेयरमैन का होना अनिवार्य नहीं है। इस समय दो सदस्यों का कोरम पूरा है, इसलिए टैरिफ जारी किया जा सकता है। जनसुनवाई भी इन्ही दो सदस्यों की मौजूदगी में हुई है।

बिजली टैरिफ पिटीशन पर इस बार ज्यादा आपत्तियां आई थी। आयोग समय पर नया बिजली टैरिफ लागू करने में विफल रहा है। हमने 32 बिंदुओं पर आपत्ति जताई थी। हमारा मानना है कि बिजली कंपनियों ने गलत और भ्रामक जानकारी देकर बिजली दरों में 7.52 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव दिया है, जबकि हमने जो तथ्य और सुझाव दिए हैं, उस पर अमल किया जाता है, तो बिजली के भाव 10 प्रतिशत तक कम हो सकते हैं। – राजेंद्र अग्रवाल, अधिवक्ता और बिजली मामलों के जानकार, जबलपुर

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